सुजानगढ़ जिला बनाने को लेकर आंदोलन, 6 दिनों से बंद 6 घंटे के लिए खुले बाजार, सालासर और जयपुर में प्रदर्शन जारी
राजस्थान के शहर सुजानगढ़ को जिला नहीं बनाए जाने पर लोग आंदोलन कर रहे है. आज आंदोलन का छठा दिन है. आज करीब 6 घंटे के लिए बाजार को खोला गया, जिसमें लोग अपनी जरूरत के सामाना को खरीदा. पूरे शहर में अभी भी प्रदर्शन जारी है. नाराज लोगों ने सालासर में सीएम का पुतला भी जलाया .
Churu protest News: सुजानगढ़ को जिला बनाने के लिए आंदोलन छठे दिन भी जारी है. नेशनल हाईवे और मेगा हाईवे पर ट्रकों में करोड़ों के कच्चे माल के नुकसान के बाद बुधवार की रात 3 घंटे जाम खोलकर ट्रकों को निकाला गया. डीएसपी रामप्रताप विश्नोई ने बताया कि मोर्चा के पदाधिकारियों से बात हुई. जिसके बाद यह तय किया गया कि रात को कुछ घंटे ट्रकों को निकाल दिया जाएगा. वहीं जनहित संघर्ष मोर्चा के रामनारायण रुलानिया ने बताया कि आंदोलन यथावत है.
किसी को परेशानी ना हो, इसके लिए आवश्यक संशोधन किया गया है. उन्होंने बताया कि शादी समारोह और दूसरे आयोजनों में हो रही दिक्कत को देखते हुए गुरुवार को 6 घंटे के लिए सुजानगढ़ के बाजार खोले गए. जिसका समय 10 से 4 बजे तक रहा.
सालासर में जलाया सीएम का पुतला, यूनिवर्सिटी के गेट पर प्रदर्शन
गुरुवार को एसएफआई के दीनदयाल गुलेरिया के नेतृत्व में सालासर शिव मंदिर तिराहे के पास मुख्यमंत्री का पुतला जलाया गया. आंदोलनकारियों ने विधायक और सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. आंदोलन के चलते सालासर बालाजी आने वाले हजारों यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है.
सूचना विकास परिषद के कार्यकर्ताओं ने जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय के गेट पर प्रदर्शन किया। संयोजक शिव शंकर शर्मा ने बताया कि नीरज बोचीवाल वा रमन गुलेरिया के नेतृत्व में सुजानगढ़ के छात्रों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सुजानगढ़ क्षेत्र की अनदेखी पर विरोध जताया.
सरकार और विधायक के खिलाफ नाराजगी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपचुनाव में प्रचार के समय कहा था कि आप अगर मनोज मेघवाल को जिताते हैं तो समझिए कि आपने अशोक गहलोत को जिताया. यहां का विधायक मैं हूं. कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी. मुख्यमंत्री के इस आह्वान पर विधायक मनोज मेघवाल को सुजानगढ़ विधानसभा की जनता ने सर आंखों पर बैठते हुए भारी वोटों से जिताया था. इसके बाद भी कुछ अच्छी घोषणाएं हुई और कुछ अच्छे विकास के काम भी. लेकिन सबसे बड़ी मांग जिले की थी.
मापदंडों पर खरा होने के बावजूद भी जिले की घोषणा नहीं होने के बाद सरकार और विधायक के खिलाफ गहरी नाराजगी देखी जा रही है.जिला आंदोलन से जुड़े लोगों और जनहित संघर्ष मोर्चा के बाद अब आम जन इस आंदोलन से जुड़ गया है.
हर तरफ एक ही चर्चा जिला बनेगा या नहीं
पिछले एक हफ्ते से हर गली हर नुक्कड़ पर एक ही चर्चा है. क्या मुख्यमंत्री सुजानगढ़ को जिला बनाएंगे! वहीं जिला बनने पर होने वाले जश्न या नहीं बनने पर होने वाले घटनाक्रम को लेकर भी लगातार कयास लगाए जा रहे हैं.
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बता दें कि आजादी से पहले बीकानेर रियासत में सुजानगढ़ जिला था. जहां पर कोर्ट लगता था यहां तक कि सरदारशहर रतनगढ़ व श्री डूंगरगढ़ भी इसके अधीन थे. राज्यों के पुनर्गठन के समय इसे हटाकर चुरू को जिला बना दिया गया था. तभी से जिले के लिए प्रयास और आन्दोलन चल रहे हैं.
लोगों का क्या है कहना
सीएम अशोक गहलोत ने उपचुनाव के समय कहा था कि आप मनोज मेघवाल को जिताइए. सुजानगढ़ की जिम्मेदारी मैं लेता हूं. लेकिन जिला नहीं बनाने को लेकर अब विधायक और सीएम के खिलाफ बहुत नाराजगी है. जिसका खामियाजा आगामी चुनाव में उठाना पड़ सकता है.