Jaya Kishori: PM मोदी ने क्यों ली कथा वाचक जया किशोरी की बातों पर चुटकी, कही ये बात
National Creator Award: शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भारत मंडपम में पीएम मोदी ने कई युवा हस्तियों को नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया है. इसमें राजस्थान की कथावाचक जया किशोरी का नाम भी शामिल रहा. अवॉर्ड से सम्मानित होने के बाद पीएम ने उनसे कई विषयों के बारें में जानकारी ली.
National Creator Award: पीएम मोदी ने शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पर कई युवा हस्तियों को नेशनल क्रिएटर्स अवॉर्ड से सम्मानित किया. यह कार्यक्रम भारत मंडपम में आयोजित किया गया. जिसमें पीएम मोदी ने कथावाचक जया किशोरी से लेकर बिहार की लोकगायिका मैथिली ठाकुर और आरजे रौनक तक सहित कई युवा हस्तियों को सम्मानित किया.
यह कार्यक्रम उन कंटेट क्र्एटर्स के लिए था जो यूट्यूब और सोशल मीडिया पर अपने कंटेंट से समाज में जागरूकता फैला रहे है. ऐसे कुछ 20 चुनिंदा क्रिएटर्स को पीएम मोदी ने सम्मानित किया.
राजस्थान के सुजानगढ़ में एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में पली बढ़ी कथावाचक जया किशोरी का नाम भी इस लिस में शामिल रहा. उन्हें बेस्ट क्रिएटर फॉर सोशल चेंज कैटेगरी में सम्मानित किया गया है. बता दें कि जया किशोरी एक कथावाचक है जो लोगों को आध्यात्मिक दुनिया की तरफ आधुनिक तरीके से जुड़ाव पैदा करवाती है. अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान मंच पर पहुंची जया किशोरी को पीएम ने बधाई दी साथ ही उनका परिचय पूछा, जिसपर उन्होंने कहा कि वह एक कथाकार है और श्रीमद भागवतम करती है. मेरा बचपन इन्हीं चीजों से गुजरा है और जो बदलाव मुझमें आया है. वह इसी के माध्यम से आया है.
इसी के साथ कथावाचक जया किशोरी ने युवाओं को भी अध्यात्म से जुड़ने की बात कहीं है. उन्होंने कहा कि इस वक्त सबसे ज्यादा अध्यात्म से युवाओं को जुड़ना जरूरी है. अगर में बाहरी आवरण के साथ अगर अध्यात्म की जिंदगी जी सकती हूं तो कोई भी इसे कर सकता है.
इसके बाद पीएम मोदी ने जया किशोरी की बातों पर चुटकी लेते हुए कहा कि ' अध्यात्म से लोगों को डर लगता है क्योंकि उनक मानना है कि झोला लेकर चले जाना.' इस पर कथावाचक जया किशोरी ने कहा कि 'ऐसा बिल्कुल नहीं है. सबसे बड़ा आध्यात्मिक ज्ञान है श्रीमद भगवत गीता है, जो ऐसे व्यक्ति अर्को सुनाई जा रही है, जो राजा बनने वाला है. राजा से ज्यादा ऐश्वर्य किसी के पास नहीं होता. गीता में भगवान कृष्ण ने एक बार भी नहीं कहा कि राज्य छोड़ दो. बस कहा कि अपना धर्म पूरा करो, जहां भी हो.'