Rajasthan Crime, Churu News: राजस्थान के चूरू जिले में तारानगर तहसील के भालेरी में पत्नी ने देवर के साथ मिलकर अपने ही 35 वर्षीय पति की हत्या कर दी. प्रारंभिक तौर पर हत्या की वजह घरेलू विवाद माना जा रहा है, हालांकि पुलिस असली वजह का पता लगाने में जुटी हुई है. 


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पति का शव 5 दिन बाद खेत में बने पानी के कुंड में मिला है. भालेरी पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करवाया है. मृतक के ताऊ के बेटे ने मृतक की पत्नी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है. पुलिस ने आरोपी पत्नी और मृतक के भाई को राउंडअप कर लिया है. भालेरी थानाधिकारी जगदीश सिंह ने बताया कि 35 वर्षीय गोपीराम मेघवाल का शव उसके खेत में बने पानी के कुंड में मिला. 


 



मृतक के शरीर पर चोट के निशान मिले. जिसके बाद पुलिस ने मामले की तफ्तीश की, तो सामने आया कि गोपीराम पिछले 5 दिनों से लापता था. मृतक गोपीराम का उसकी पत्नी मोनिका उर्फ पूनम से घरेलू विवाद चल रहा था. प्रारंभिक तौर पर घरेलू विवाद की वजह से मोनिका उर्फ पूनम ने अपने पति गोपीराम की अपने देवर के साथ मिलकर हत्या कर दी और फिर उसके शव को खेत में बने पानी के कुंड में डाल दिया. बहरहाल पुलिस हत्या की वास्तविक वजह का पता लगा रही है.


 



पढ़ें चूरू की एक और बड़ी खबर


चूरू जिले के साण्डवा की देव गौसांई ओरण में चल रहे 9 दिवसीय पशु मेले का आज समापन हुआ. बीदासर प्रधान संतोष मेघवाल की अध्यक्षता में पशु प्रतियोगिता व ईनाम वितरण के साथ मेले का समापन हुआ. इस अवसर पर पशुओ में घोड़ा, घोड़ी, ऊँट, ऊंटनी, के नृत्य व अच्छी नस्ल के पशुओ का ग्राम पंचायत कमेठी द्वारा चयन करके उनके मालिकों को प्रशस्ति पत्र व पुरुस्कार देकर सम्मानित किया गया. 



मेला मैदान में घोड़ा, घोड़ी व ऊँट नृत्य ने अपने नृत्य से सेकड़ो लोगो को दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर कर दिया. राजस्थान के कोने-कोने से आए लोगों ने नृत्य को लेकर पशु मालिकों की खूब प्रशंशा की और पशु मेले में सबसे महंगा बीकानेरी नस्ल का ऊंट 1 लाख 20 हजार रुपयों में बिका है. जो भरपालसर निवासी विक्रेता गोगराज मेघवाल ने अपना ऊंट क्रेता जोधाराम पुत्र ख्यालीराम जाट निवासी सरदारशहर जिला चूरू को सबसे ऊंची रेट में बेचा है. 


 



ठेकेदार ने बताया कि मेला मैदान में करीब 3200 पशु आये और उनमें से करीब 800 पशु विक्रय हुए. मेला मैदान में हाट बाजार में पिछले तीन दिनों से काफी रौनक रही ओर आस पास के हजारों ग्रामीणों ने अपने घरों में दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुओं की खरीददारी की. चाट पकोड़ी की दुकानों पर भी काफी भीड़ देखी गई.