छात्रों को सौगात, प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सरकार ने उठाए ये कठोर कदम
राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को नकल विरोधी एंटी चीटिंग बिल पारित हो गया है. अब प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं में खुशी का माहौल देखा जा रहा है.
Churu: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को नकल विरोधी एंटी चीटिंग बिल पारित हो गया है. अब प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्र-छात्राओं में खुशी का माहौल देखा जा रहा है.
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प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही छात्रा गायत्री प्रजापत ने बताया कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए हम पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी करते हैं और परीक्षा देते हैं. हमें लगता है कि हमारी मेहनत रंग लाएगी और हमारा परीक्षा परिणाम जब आएगा तो निश्चित ही हम नौकरी लग जाएंगे. लेकिन जैसे ही पता चलता है कि परीक्षा में नकल हुई है या पेपर लीक हो गया तो उसके कारण परीक्षा को रद्द कर दिया जाता है.
जिसके चलते हमें आर्थिक नुकसान तो उठाना ही पड़ता है, उसके साथ-साथ मानसिक परेशानी भी होती है क्योंकि हम कोचिंग में हजारों रुपये देकर पढ़ते हैं और शहरों में किराए के मकान लेकर रहते हैं. जिसके चलते हमें काफी नुकसान उठाना पड़ता है, लेकिन अब राज्य सरकार द्वारा जो बिल पारित किया गया है. उसमें कई कड़े नियम लागू कर दिए गए हैं. जिसके चलते अब जो भी कोई नकल करेगा या पेपर लीक करेगा उसके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
ऐसे में अब ऐसा लग रहा है कि जो भी प्रतियोगी परीक्षा होगी पूर्णतया निष्पक्ष होगी और जो छात्र मेहनत करेगा, उसे अवश्य उसका परिणाम मिलेगा. विधानसभा में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय विधेयक 2022 और राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अनुचित साधनों की रोकथाम संशोधन विधेयक 2022 चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया है. दोनों विधेयक पारित होने के बाद परीक्षा में नकल करवाने और पेपर लीक करने जैसे मामलों को गैर जमानती अपराध माना जाएगा.
विधेयक में 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान है. 10 लाख से 10 करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान भी विधेयक में किया गया है. दोनों विधेयक पारित होने के बाद राजस्थान में नकल पर सख्त कानून तय हो गया है. नकल गिरोह की संपति जब्त कर ली जाएगी. नकल करने पर अभ्यर्थी को 3 साल तक की जेल होगी. बिल पारित होने पर परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल को संज्ञेय और गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में माना जाएगा.
ऐसे मामलों में जमानत नहीं होगी. परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक की जांच एडिशनल एसपी स्तर का अफसर ही कर सकेगा. इससे नीचे रैंक का पुलिस अफसर इन मामलों की जांच नहीं कर सकेंगे.
सीएम गहलोत ने बिल लाने का दिया था आश्वासन
गहलोत सरकार ने रीट पेपर लीक मामले में उपजे विवाद के बाद ये दोनों विधेयक लाने का ऐलान किया था। पेपर लीक मामले के बाद सीएम गहलोत ने कहा था कि उनकी सरकार राज्य की भर्तियों में पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार बजट सत्र में पेपर लीक, नकल एवं परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर कठोर कानून वाला विधेयर लेकर आएगी. युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
Reporter- Gopal Kanwar