Dausa News: कोटा संभागीय आयुक्त राजेंद्र विजय के करीब आधा दर्जन ठिकानों पर एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी शुरू कर दी है. राजेंद्र विजय के दौसा , जयपुर और कोटा में स्थित ठिकानों पर रेड डाली है, जहां एसीबी की अलग अलग टीम सर्च कर रही है.


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पूर्व में एसीबी को IAS राजेंद्र विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले की शिकायत मिली थी. एसीबी ने उन शिकायतों का सत्यापन किया जिसके बाद में मंगलवार को एसीबी द्वारा आईएएस राजेंद्र विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया. मुकदमा दर्ज करने के साथ ही एसीबी द्वारा चिन्हित किए गए राजेंद्र विजय के दौसा , जयपुर ,कोटा के ठिकानों पर अलग-अलग टीमों का गठन करते हुए एक साथ रेड डाली. IAS राजेंद्र विजय के यहां एसीबी की छापेमारी की. कार्रवाई की खबर आग की तरह फैली तो ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया.


एसीबी के प्रदेश मुख्यालय के निर्देश पर अलग-अलग टीमों द्वारा राजेंद्र विजय के ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. दौसा में सिकंदरा थाना क्षेत्र के दुब्बी गांव में स्थित उनके पैतृक निवास पर दौसा एसीबी की टीम डिप्टी एसपी नवल किशोर मीणा के नेतृत्व में उनके आवास पर पहुंची. कई घंटे तक एसीबी द्वारा उनके यहां सर्च किया गया. लेकिन एसीबी की टीम को पैत्रिक निवास से कुछ नहीं मिला, जिसके बाद एसीबी द्वारा उनके पैतृक मकान को सील कर दिया गया और अपने अधिग्रहण में ले लिया.


IAS राजेंद्र विजय के अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी मुख्यालय जयपुर द्वारा नियुक्त किए गए जांच अधिकारी एएसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया पिछले दिनों एसीबी को आईएएस राजेंद्र विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिली थी. उस शिकायत की पूर्व में जांच की गई जब एसीबी को आय से अधिक संपत्ति के कुछ तथ्य मिले तो उनको आधार मानते हुए आईएएस राजेंद्र विजय के खिलाफ मंगलवार को प्रकरण पंजीबद्ध किया गया. एसीबी के उच्च अधिकारियों के निर्देश पर अलग-अलग टीमों का गठन करते हुए उनके सभी ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की कार्यवाही शुरू की गई. कार्यवाही पूरी होने के बाद में एसीबी मुख्यालय द्वारा प्रेस को ब्रीफ कर पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी.


मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ यह बड़ा एक्शन कह सकते हैं. भजन लाल शर्मा ने सीएम बनते ही भ्रष्टाचार को लेकर यह साफ कर दिया था. सरकार करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगी और उसके कई उदाहरण राज्य सरकार द्वारा दिए भी जा चुके हैं. पेपर लीक प्रकरण में अब तक दर्जनों लोगों की गिरफ्तारियां की गई तो, वहीं आरपीएससी के दो सदस्य भी SOG द्वारा गिरफ्तार किए गए थे. ऐसे में कहीं ना कहीं भजनलाल सरकार की भ्रष्ट इस पर शिकंजा करते हुए यह बड़े कार्रवाई का सकते हैं.  करप्शन के खिलाफ यह एक कड़ा संदेश भी सरकार द्वारा दिया गया है कि कोई भी हो... कितना भी बड़ा हो... छोटे स्तर का कर्मचारी हो या फिर सर्वोच्च स्तर का... सरकार करप्शन के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी.