Dausa News: देवनगरी दौसा हुई काशिमय,सोमनाथ,गुप्तनाथ,सेहजनाथ,बैजनाथ मंदिर पर लगा तांता
Dausa News: राजस्थान के दौसा जिले को देवनगरी कहा जाता है. सावन के पहले सोमवार को काशिमय,सोमनाथ,गुप्तनाथ,सेहजनाथ,बैजनाथ मंदिर पर भक्तों का तांता लगा रहा. तड़के चार बजे से पूजा-पाठ शुरू हो गई.
Dausa News: राजस्थान के दौसा में मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी हुई है. श्रावण माह में शिव पूजा का विशेष महत्व माना जाता है और उसमें भी सोमवार का दिन काफी खास होता है मान्यता है श्रावण मास के सोमवार के दिन जो भी कोई शिव मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना करता है.
बम बम भोले की गूंज
उसकी मनोकामना निश्चित रूप से पूरी होती है यही वजह है कि आज दौसा जिले के शिवालयों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ रही है, तड़के सवेरे से ही शिवालय हर हर महादेव बम बम भोले की गूंज से गुंजायमान हो रहे हैं.
यहां मनोकामना अवश्य पूरी होती
दौसा जिला मुख्यालय पर स्थित पांच प्राचीन शिव मंदिरों में पूजा अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है मान्यता है यह पांचो शिव मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराने हैं और इनका उद्गम अपने आप हुआ है ऐसे में इन शिव मंदिरों में पूजा अर्चना करने वाले की मनोकामना अवश्य पूरी होती है, जिला मुख्यालय पर स्थित इन प्राचीन पांच शिव मंदिरों के चलते ही दौसा को देवनगरी के साथ-साथ महादेव नगरी भी कहा जाता है.
मान्यता यह भी है अगर कोई पूरे श्रावण महा शिव मंदिरों में नहीं पहुंचता है और श्रावण माह के सभी सोमवार के दिन उपवास रखकर शिव मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना करता है उसको भी भगवान भोले मनवांछित फल देते हैं.
श्रावण माह में शिव मंदिरों में कावड़ चढ़ाने का भी विशेष महत्व माना जाता है इसी के चलते शिवभक्त दूरदराज से धार्मिक स्थलों से पैदल चलकर कावड़ लाते हैं और उस जल से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं ताकि उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सके दौसा जिला मुख्यालय पर सोमनाथ महादेव मंदिर , गुप्त नाथ महादेव मंदिर , बैजनाथ शिव मंदिर और सेहजनाथ मंदिर में श्रावण माह में शिव भक्तों की अपार भीड़ रहती है. वहीं, देव गिरी पर्वत पर विराजमान साक्षात नीलकंठ महादेव के यहां शिव भक्तों का तड़के सवेरे से लेकर देर रात तक तांता लगा रहता है.
पहाड़ी पर विराजमान नीलकंठ महादेव की पूजा अर्चना का खास महत्व माना जाता है मान्यता है, पूर्व में नीलकंठ महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए खुदाई का कार्य किया गया था. उस दौरान मंदिर में लगी शिवलिंग की मूर्ति का कोई और छोर नहीं आया तब से इस मंदिर की मान्यता और अधिक बढ़ गई.
यही वजह है नीलकंठ महादेव के यहां दौसा शहर के नहीं बल्कि जिले के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों से भी शिव भक्त पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं श्रावण माह में दोसा शहर बम बम भोले और हर हर महादेव की गूंज से गुंजायमान रहता है, मानो ऐसा लगता है दौसा साक्षात काशी विश्वनाथ की नगरी है.
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