Sikrai, Dausa News: अपराध कब कहां किसके साथ कैसे हो जाए, कोई नहीं जानता. अपराधी प्रवृत्ति के लोग अपनी हसरत पूरी करने के लिए किस वेश में आपको मिले और आपके साथ क्या घटना कर फरार हो जाए. यह किसी को नहीं पता कि ऐसे में जरूरत है बेहद चौकन्ना रहने की. दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र का है, जहां 22 वर्षीय युवती को घर में हुई मामूली बात से नाराज होकर घर छोड़ना इतना महंगा पड़ गया कि उसे अपनी छोटी-सी गलती की कीमत जान गवां कर चुकानी पड़ी. 


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आरोपियों ने युवती को चाय में मिलाकर नशे की गोलियां दे दी और उसके साथ ज्यादती का प्रयास किया, लेकिन युवती ने जब विरोध किया, तो आरोपी उसके साथ मारपीट कर गला दबाकर उसकी हत्या कर फरार हो गए. पुलिस के सामने एक ब्लाइंड मर्डर था, लेकिन पुलिस ने बड़ी ही गंभीरता के साथ इस मामले का अनुसंधान किया और आरोपी पवन उर्फ अजय शर्मा और किरण यादव को युवती की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे धकेल दिया.


दौसा जिला पुलिस की स्पेशल टीम और मेहंदीपुर बालाजी पुलिस ने सनसनीखेज ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए अंतरराज्यीय मानव तस्कर गिरोह से जुड़े दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एसपी संजीव नैन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी पवन कुमार उर्फ अजय शर्मा निवासी खैर सब्जी मंडी के पीछे अलीगढ़ और किरण उर्फ फूलमती यादव पत्नी कृपाशंकर यादव निवासी निमटनी जलालपुर आजमगढ़ यूपी के रहने वाले हैं. 


पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी पवन ने मृतका के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया, जिसका विरोध करने पर उसने गला दबाकर और सिर दीवार में टक्कर मारते हुए उसकी हत्या कर फरार हो गया था. पुलिस ने आरोपी पवन को वृंदावन से, जबकि वारदात में शामिल महिला किरण को महुवा थाना क्षेत्र के नौगांव से गिरफ्तार कर महज 6 दिन में पूरे मामले का खुलासा कर दिया. इस खुलासे में मेहंदीपुर बालाजी थानाधिकारी अजित बड़सरा का अहम योगदान रहा.


धर्मशाला में 4 जनवरी को मिला था शव
एसपी ने बताया कि 4 जनवरी को बालाजी की मुलकराज धर्मशाला के कमरे में अर्धनग्न हालत में महिला का शव मिला था. कई दिन पुराना शव होने के कारण पहचान और उम्र का स्पष्ट अंदाजा नहीं लगाया जा सका. ऐसे में धर्मशाला के मैनेजर द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करवाया गया. उन्होंने बताया कि धर्मशाला के कमरे में मिला शव 2 दिन पुराना था, जिसमें बदबू आने लगी थी और चेहरा भी खराब हो गया था. वहीं जिस कमरे में महिला का शव मिला उसमें ऐसा कोई सामान नहीं मिला, जिससे आरोपियों का सुराग लग सके. साथ ही धर्मशाला के एंट्री रजिस्टर में नाम और पते भी गलत लिखे गए और आधार कार्ड का पता भी गलत निकला. धर्मशाला में सीसीटीवी कैमरे नहीं होने के कारण पुलिस को अहम सुराग हाथ नहीं लगे.


महज 5 दिन में पकड़े आरोपी
वारदात का खुलासा करने के लिए एसपी के निर्देश पर मानपुर डिप्टी एसपी दीपक मीणा के नेतृत्व में चार टीमों का गठन किया गया. पहली टीम ने जगह-जगह सीसीटीवी कैमरों की जांच करते हुए फुटेज जुटाए, जबकि दूसरी टीम ने मृतका और आरोपियों द्वारा यूपी की भाषा प्रयोग करने के आधार पर मथुरा, अलीगढ़, आगरा और हाथरस आदि इलाकों में साक्ष्य जुटाए. वहीं तीसरी टीम ने धर्मशाला में दिए गए गलत पते और आधार कार्ड को आधार बनाकर संदिग्ध लोगों की पहचान और तलाश शुरू की, जबकि चौथी टीम में धर्मशाला के एंट्री रजिस्टर में लिखे हुए गलत नंबर को आधार बनाकर तकनीकी अनुसंधान शुरू किया.


इस तरह हुई मृतका की पहचान
पुलिस टीम द्वारा इनपुट जुटाने पर सामने आया कि यूपी के बरेली कोतवाली थाने में 2 जनवरी को एक लड़की की गुमशुदगी दर्ज हुई है, जो 31 दिसंबर को घर से नाराज होकर निकल गई थी. इस पर परिजनों से संपर्क कर मृतका की फोटो दिखाई गई, जिसकी परिजनों ने आकांक्षा उर्फ शोभी देवल निवासी बड़ागांव बरेली के रूप में पहचान की, इसके बाद परिजनों ने दौसा जिला अस्पताल पहुंचकर शव की पहचान की पुष्टि की है.


आरोपियों तक इस तरह पहुंची पुलिस
पुलिस टीम ने आधार कार्ड के आधार पर आरोपियों की पहचान और तलाश के लिए अलीगढ़ में डेरा डालकर लड़कियों और महिलाओं की खरीद-फरोख्त में संबंधित लोगों से जानकारी जुटाई. जहां डॉ. अजय और वीरेंद्र संदिग्ध प्रतीत होने पर सामने आया कि डॉ अजय का नाम ही पवन शर्मा है, जो खैर में कमरा लेकर रहता है और उसकी दोस्त किरण यादव ऐरेना इलाके में रहती है, जो कि 2 जनवरी को किसी लड़की को लेकर मथुरा से भरतपुर होकर मेहंदीपुर बालाजी गए थे.


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ऐसे में पुलिस टीम ने रुड़की, हरिद्वार, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन और अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर आरोपी पवन को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से बचकर निकलने में कामयाब रहा. 9 जनवरी को पुलिस टीम ने वृंदावन के छटीकरा चौराहे से आरोपी पवन हिरासत में ले लिया. उसने बताया कि वारदात में शामिल किरण यादव को महुवा के पास नौगांव में हेमसिंह राजपूत के घर रुकी हुई है, इस पर पुलिस ने दबिश देकर किरण को भी गिरफ्तार कर लिया है.


दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने का प्रयास
एसपी ने बताया कि 31 दिसंबर को शोभी उर्फ आकांक्षा अपने घरवालों से नाराज होकर बिना बताए घर से निकल गई. 2 जनवरी को सुबह मथुरा जंक्शन के वेटिंग हॉल में वह अकेली बैठी हुई थी. इस दौरान उसकी आरोपी अजय उर्फ पवन और किरण यादव से मुलाकात हुई, जिन्होंने मौके का फायदा उठाकर शोभी को विश्वास में लिया और मेहंदीपुर बालाजी लेकर आ गए. आरोपियों ने उसे शॉपिंग भी करवाई और शाम को चाय में नींद की गोली मिलाकर पीड़िता के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया, लेकिन अचेत अवस्था में होने के कारण उसने वारदात का विरोध किया और चिल्लाने पर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को रजाई से ढककर कमरे का ताला बंदकर मौके से फरार हो गए.


Reporter: Laxmi Sharma


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