दौसा में एक साधु की अनूठी पहल, बिन माता-पिता की बच्ची की धूमधाम से करवाई शादी, उमड़ी भीड़
Dausa News: परिवार में बेटी के पैदा होते ही मां-बाप की चिंताएं बढ़ जाती हैं, लेकिन जब बचपन में ही बेटी के सिर से मां और बाप दोनों का साया उठ जाए तो आप समझ सकते हैं...
Dausa News: परिवार में बेटी के पैदा होते ही मां-बाप की चिंताएं बढ़ जाती हैं, लेकिन जब बचपन में ही बेटी के सिर से मां और बाप दोनों का साया उठ जाए तो आप समझ सकते हैं कि उस बेटी का जीवन कितना संघर्ष भरा होगा. हम आपको आज एक ऐसी ही बेटी की कहानी दिखाते हैं जो बचपन में ही अनाथ हो गई, लेकिन उसके सिर पर आशीर्वाद का हाथ रखा एक साधु ने, वो साधु जो उसे अपनी बेटी मानते हुए उसका पालन पोषण किया और अब बड़े ही उत्साह के साथ पूरे हिंदू रीति-रिवाज से शानो-शौकत के साथ उस अनाथ बेटी को डोली में बिठाकर विदा किया.
साथ ही बेटी की शादी करना मां बाप का बड़ा अरमान होता है, लेकिन जब मां बाप बेटी को अबोध स्थिति में छोड़कर काल की आगोश में समा जाए तो उस बेटी पर क्या बीती होगी. यह हर कोई समझ सकता है, जब बेटी रानी के अनाथ होने का पता एक साधु को लगा तो साधु ने बेटी के सिर पर अपने आशीर्वाद का हाथ रखा और उसका पालन पोषण कर बड़ा किया. अब साधु ने आमजन के सहयोग से बेटी रानी की धूमधाम से शादी कर उसके पीले हाथ किए साधु की इस पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है, तो वहीं श्री-श्री 108 श्री राजेंद्र दास महाराज ने बड़े उत्साह के साथ बेटी की धूमधाम से शादी की बेटी रानी की शादी दौसा के जिरोता गांव निवासी मुंशी नाम के युवक से पुलिस कंट्रोल रूम के सामने स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित की जहां बेटी को साधु सहित बड़ी तादाद में शहर के लोग आशीर्वाद देने पहुंचें.
दरअसल साधु राजेंद्र दास महाराज सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में रहते हैं और उनके सामने ही गाड़ियां लोहारों का डेरा है, जब साधु को इस बात का पता लगा था कि बेटी रानी के माता-पिता नहीं है और वह अनाथ है, हालांकि उसके परिवार के चाचा ताऊ सहित अन्य लोग मौजूद हैं, लेकिन आर्थिक स्थिति को देखते हुए साधु ने बेटी रानी को अपनी बेटी मान लिया था बचपन से लेकर अब तक उसका पालन पोषण का पूरा खर्च साधु ने उठाया और जब रानी 22 वर्ष की हुई तो बड़े ही धूमधाम से लोगों के सहयोग से रानी का विवाह कर उसके पीले हाथ किए और कन्यादान किया बेटी रानी के शादी में मंदिर समिति के सभी लोगों ने भरपूर सहयोग किया तो बड़े ही धूमधाम से शादी समारोह आयोजित किया गया. बाबा राजेंद्र दास महाराज की इस पहल की हर कोई तारीफ कर रहा है और कह रहा है. साधु हो तो ऐसा एक सन्यासी का जीवन व्यतीत करने के बाद भी साधु ने हिंदू धर्म की जो परंपराएं हैं. उसका निर्वहन करते हुए एक अनाथ बेटी को सहारा दिया और इतना ही नहीं पूरे जुनून के साथ उसका घर भी बसाया.
साथ ही बेटी रानी का दूल्हा मुंशी जब बरात के साथ दौसा पुलिस कंट्रोल रूम के सामने स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में पहुंचा तो साधु राजेंद्र दास महाराज की ओर से बरात का भव्य स्वागत किया गया तो वहीं मंदिर के दरवाजे पर मुंशी ने तोरण मार कर मंडप में प्रवेश किया जहां सात फेरे के बाद पीले हाथ कर बेटी रानी को हंसी खुशी मंदिर से विदा किया गया. इस दौरान मंदिर समिति के तमाम लोग भी मौजूद रहें. साथ ही शहर के कई गणमान्य लोगों ने पहुंचकर भी बेटी रानी लुहार को अपना आशीर्वाद दिया बाबा ने शादी समारोह के दौरान बारात सहित सैकड़ों लोगों को बेटी की शादी की खुशी में सामूहिक भोज भी करवाया.
आपको बतो दें कि साधु राजेंद्र दास महाराज ने एक साधु होकर भी वह काम किया, जिसे ग्रहस्थ जीवन जीने वाला व्यक्ति भी दिन रात एक कर बमुश्किल कर पाता है. आज के समय में बेटियों के साथ ऐसी ऐसी भयानक घटनाएं सुनने और देखने को मिलती है तो दिल घबरा जाता है, लेकिन साधु राजेंद्र दास महाराज जैसे लोग आज भी यहां मौजूद हैं जो बेटियों को देवी मानकर उनकी पूजा करते हैं, तो वहीं भरसक प्रयास कर वह बेटियां अच्छा जीवन व्यतीत करें इस काम में भी लगे रहते हैं. वहीं समाज में बेटियों पर गंदी नजर रखने वाले उन लोगों के लिए भी एक बड़ी सीख है या समाज में दहेज के दानव जो दहेज के लालच में आए दिन बेटियों की जान ले रहे हैं उनके मुंह पर साधु राजेंद्र दास महाराज का यह बड़ा तमाचा है.
यह भी पढ़ेंः
Lopamudra Raut की बोल्डनेस के आगे फीका पड़ा Urfi Javed का जलवा, फोटोज देख फैंस ने की तुलना
फाइनल हुआ Sidharth Malhotra और Kiara Advani का वेडिंग वेन्यू, चंडीगढ़ में लेंगे सात फेरे!