Dausa: जिले में आए दिन हो रही सरकारी स्कूलों में तालाबंदी ने जिले की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. जिले की सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी और मूलभूत सुविधाओं के अभाव के चलते छात्र और ग्रामीण परेशान होकर स्कूलों में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं, साथ ही सरकार और सिस्टम को कोस रहें हैं, लेकिन जिले का शिक्षा विभाग है कि अभी भी चैन की नींद सोया हुआ है.


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जिले की शिक्षा व्यवस्था की हद तो तब हो गयी जब बांदीकुई क्षेत्र से सत्ता पक्ष के विधायक जी आर खटाणा और राजस्थान सरकार में कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा के अलियापाड़ा गांव में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की कमी के चलते गुस्साए ग्रामीणों ने छात्रों के साथ मिलकर स्कूल के ताला जड़ दिया और जमकर नारेबाजी की. ग्रामीणों का कहना है जब मंत्री के गांव का यह हाल है तो, पूरे जिले की शिक्षा व्यवस्था कैसी होगी. स्कूल में अंग्रेजी गणित राजनीतिक विज्ञान सहित कई विषयों के अध्यापकों की कमी हैं. पूर्व में शिक्षा विभाग को अवगत कराया गया, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके चलते मजबूर होकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए तालाबंदी करनी पड़ी.


वहीं स्कूलों में हो रही तालाबंदी को लेकर दौसा जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम मीणा का कहना है कि जिले में 5000 से अधिक शिक्षकों का अभाव है. माध्यमिक शिक्षा विभाग में 1462 और एलीमेंट्री में 4000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिसके चलते परेशानी हो रही है, लेकिन अब जल्द ही विद्या संबल योजना के तहत इन रिक्त पदों को भर लिया जाएगा. इसके लिए निदेशालय की स्वीकृति के लिए पत्र लिखा गया है, जैसे ही निदेशालय से स्वीकृति आएगी सेवानिवृत्त या अन्य अध्यापकों को लगाकर शिक्षण कार्य सुचारू करवाया जाएगा.


जिले में जब भी शिक्षकों की कमी को लेकर सरकारी स्कूलों में तालाबंदी होती है तो जिला शिक्षा अधिकारी का हमेशा इसी तरह का रटा रटाया टालमटोल जवाब रहता है. ऐसे में सवाल यह है स्कूल खुले एक माह बीत चुका है लेकिन अभी भी स्कूलों में शिक्षण कार्य सुचारू नहीं हो सका. यह सीधा जिले के शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही की ओर इंगित करता है. 
Repoeter - Laxmi Avtar Sharma