जल क्रांति के नारे के साथ किरोड़ी का जयपुर कूच, गहलोत सरकार को लिया आड़े हाथ
विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जल क्रांति के नारे के साथ किरोड़ी लाल मीणा ने जयपुर कूच कर दिया है, इस दौरान किरोड़ी ने गहलोत सरकार को आड़े हाथ भी लिया.
Jal Kranti (ERCP) : मरुधरा की धरा में इन दिनों पूर्वी राजस्थान सूबे की सियासत का केंद्र बिंदु बना हुआ है. खास कर ERCP को लेकर जमकर बवाल मचा हुआ है. फिर चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, हर कोई ERCP के बहाने 2023 को साधने में जुटा हुआ है. यूं तो पिछले कई सालों से पूर्वी राजस्थान के दिग्गज और भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाते आए हैं लेकिन इस मर्तबा उन्होंने इसे सियासी रंग दे दिया. हालांकि किरोड़ी के इस सियासी रंग से भाजपा के ही रहनुमाओं ने दूरी बना ली है.
विश्व आदिवासी दिवस पर जल क्रांति का नारा देकर किरोड़ी लाल मीणा ने ना सिर्फ सूबे की अशोक गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है बल्कि इसके जरिये वो प्रदेश नेतृत्व को भी जता देना चाहते हैं कि वो पूरी इलाके में कितनी पैठ रखते हैं. किरोड़ी के इस कार्यक्रम में ना ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावतऔर ना ही प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पहुंचे. हालांकि उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी जरूर पहुंचे. मीणा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ से मेरा रिश्ता एक आत्मा दो शरीर वाला है.
जी राजस्थान से खास बात करते हुए करोड़ी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार का सबसे बड़ा फेलियर है. इसे लेकर केंद्र लगातार कोशिश कर रहा है लेकिन राज्य सरकार ही नहीं चाहती. ERCP के जरिए पूर्वी राजस्थान के लाखों लोगों को पानी मिले.
दौसा में सभा के बाद किरोड़ी ने अपने हजारों समर्थकों के साथ जयपुर कूच कर दिया है. हालांकि किरोड़ी के काफिले को बस्सी में रोका गया है. जहां पुलिस का भारी जाप्ता तैनात है. जबकि किरोड़ी हाथ मे तिरंगा थामे ERCP की मांग करते हुए अपने समर्थकों के साथ डटे हुए हैं. साथ ही राजेंद्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी भी मौजूद हैं. हालांकि माना जा रहा है कि सरकार के प्रतिनिधि के साथ जल्द वार्ता हो सकती है. सरकार की ओर से वार्ता के लिए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को भेजा जा सकता है.
सभा से पहले भेजा पत्र
मंत्री विश्वेन्द्र सिंह द्वारा भेजे गए 4 पेज के पत्र में लिखा हुआ है कि मध्य प्रदेश राजस्थान अंतर राज्य नियंत्रण मंडल की 25-8- 2005 को आयोजित हुई 13वी बैठक के निर्णय के अनुरूप ही ईआरसीपी परियोजना तैयार की गई है ऐसे में परियोजना की स्वीकृति हेतु मध्य प्रदेश राज्य की अनापत्ति अपेक्षित नहीं है. परियोजना की डीपीआर केंद्रीय जल आयोग की 2010 की गाइडलाइन के मानकों के आधार पर ही 75% सिंचाई जल एवं 100% पेयजल सक्सेस रेट पर बनाई गई है. वहीं, विश्वेंद्र सिंह ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा से पत्थर के जरिए आग्रह किया है पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जयपुर और अजमेर में यार सिटी को लेकर सकारात्मक रुख रखने की बात कही गई थी, ऐसे में सभी सांसद मिलकर उन्हें वह याद दिलाएं, जिससे या सीपी राष्ट्रीय परियोजना घोषित हो सके.
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