Dungarpur: पोक्सो कोर्ट ने 10 साल की बालिका से दुष्कर्म और हत्या के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं, दोषी को 5 लाख रूपये के आर्थिक दंड से दण्डित भी किया है. इस पूरे मामले में 20 दिन में चालान पेश किया गया था. वही  चालन पेश करने के बाद 70 दिन में सुनवाई पूरी करते हुए न्यायाधीश संजय कुमार भटनागर ने ये फैसला सुनाया है.


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डूंगरपुर जिले की पोक्सो कोर्ट के विशिष्ठ लोक अभियोजक योगेश कुमार जोशी ने बताया की मामला जिले के सदर थाना क्षेत्र का था. मृतका की मां ने सदर थाने में रिपोर्ट दी थी. जिसमे बताया था कि 29 जून 2022 की रात को नाबालिग बेटी घर में खाट पर सोई थी. रात को वह गायब हो गई और दूसरे दिन शाम को उसका शव गांव में एक पुलिया के नीचे निर्वस्त्र हालत में लहूलुहान मिला था. मृतका की मां की रिपोर्ट पर सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया. वहीं, एसएफएल से जुटाए साक्ष्यो व सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू की.


सरपंच के पोते को डिटेन कर पूछताछ की गई


इस दौरान पुलिस ने गांव के ही पूर्व सरपंच के पोते जितेंद्र उर्फ जीतू को डिटेन कर पूछताछ की गई. लेकिन जितेन्द्र नाबालिग के अपहरण, रैप और हत्या से मना करता रहा. लेकिन पुलिस ने आरोपी का डीएनए टेस्ट करवाया और जिससे मामले का खुलासा हुआ था. आरोपी ने दुष्कर्म के बाद बालिका की गला दबाकर हत्या कर दी थी. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मात्र 20 दिन में अपना अनुसन्धान पूर्ण करते हुए पोक्सो कोर्ट में चालान पेश किया. वही डूंगरपुर पोक्सो कोर्ट ने भी मामले की 70 दिन में सुनवाई पुरी करते हुए आरोपी जितेन्द्र को दोषी माना. जिस पर आज न्यायाधीश संजय कुमार भटनागर ने दोषी जितेन्द्र को फांसी की सजा सुनाई. दोषी को 5 लाख रूपये के आर्थिक दंड से दण्डित भी किया है.


Reporter- Akhilesh Sharma