Dungarpur News: जिले में विभिन्न तहसीलों के तहसीलदारों की सुस्ती सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने के लिए आवेदनकर्ताओं पर भारी पड़ती हुई दिखाई दे रही है. डूंगरपुर जिले में 7 हजार 657 पेंशन के आवेदन पोर्टल पर ओटो सेंशन हुए, लेकिन ओटो सेंशन के बाद साढ़े 3 हजार से अधिक पेंशन प्रकरणों की पोस्ट ऑडिट तहसीलदार स्तर पर नहीं हो पाई है. जिसके चलते इन लोगों की पेंशन शुरू नहीं हो पा रही है.


3 हजार से अधिक पेंशन प्रकरणों की पोस्ट ऑडिट का मामला


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प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा है की प्रदेश के प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ त्वरित मिले, लेकिन मुख्यमंत्री की इस मंशा पर डूंगरपुर जिले के विभिन्न तहसीलों के तहसीलदार पानी फेर रहे है. मामला सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जुड़ा हुआ है.


सामाजिक सुरक्षा पेंशन से जुड़ा मामला


दरअसल डूंगरपुर जिले में ईमित्र के जरिये सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने के लिए लोगो ने आवेदन किये. सामाजिक सुरक्षा पोर्टल ने 7 हजार 657 पेंशन के आवेदन ओटो सेंशन किये. वहीं पोर्टल से ओटो सेंशन के बाद इन ओटो सेंशन आवेदनों का तहसीलदारो द्वारा द्वारा पोस्ट ओडिट की जाती है.

वहीं पोस्ट ऑडिट के बाद पेंशन मिलना शुरू होती है, लेकिन डूंगरपुर जिले में ओटो सेंशन 7 हजार 657 आवेदनों में से 3 हजार 646 आवेदन लम्बे समय से पोस्ट ओडिट के लिए तहसीलदार स्तर पर लंबित चल रहे है.


आइये बताते हैं तहसील वार कहा कितने पेंडिंग


तहसील                                      पोस्ट ओडिट के लिए पेंडिंग
आसपुर                                                     4
बिछीवाडा                                                612
चिखली                                                   203
दोवडा                                                    997
डूंगरपुर                                                   656
गलियाकोट                                              119
झोथरी                                                     406
साबला                                                     31
सागवाडा                                                 165
सीमलवाडा                                               453


कुल                                                      3646


इधर इस मामले में जब डूंगरपुर जिले के सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के उप निदेशक अशोक शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया की तहसीलदार स्तर पर ये सभी पेंडिंग चल रहा है. पोस्ट ओडिट में देरी के चलते पेंशन मिलने में देरी हो रही है. हालांकि उन्होंने कहा की तहसीलदारों से इस सम्बन्ध में बात की जा रही है. उन्होंने बताया की शिविरों के चलते देरी हुई है लेकिन अब जल्द ही इनका निस्तारण किया जाएगा.


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बहरहाल प्रशासन गांवों के संग और महंगाई राहत शिविरों के चलते इन आवेदनों के लंबित होने का कारण तहसीलदार बता रहे है. वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग अब जल्द ही इनका निस्तारण होने का आश्वासन दे रहा है. खैर अब देखने वाली बात होगी की आखिर कब तक इन आवेदनों का पोस्ट ऑडिट हो पाता है और कब तक लोगो की पेंशन शुरू हो पाती है .