Dungarpur news: कांग्रेस नेता महेंद्र बरजोड पार्टी के खिलाफ , कहा- पार्टी टिकट दे या ना दे, फिर भी लड़ेंगे चुनाव
Dungarpur news: चौरासी शहर के चिखली पंचायत में कांग्रेसी नेता महेंद्र बरजोड ने प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी बात सामने रख दी है, महेंद्र बरजोड ने कहा कांग्रेस कार्यकर्ता आज मायूस है, कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट न देने पर भी चुनाव लड़ने का एलान किया है.
Dungarpur news: डूंगरपुर जिले की चिखली पंचायत समिति के पूर्व प्रधान व कांग्रेसी नेता महेंद्र बरजोड की ओर से पारडा दरियाटी में कांग्रेस का होली मिलन समारोह आयोजित हुआ. समारोह में पूर्व प्रधान महेंद्र बरजोड ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी ताल ठोक दी है. पूर्व प्रधान बरजोड ने कांग्रेस पार्टी की ओर से टिकट नहीं दिए जाने पर सर्व समाज के बेनर तले चौरासी विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव लड़ने का एलान किया है. इधर पूर्व प्रधान के इस बयान से कांग्रेस में हलचल मच गई है.
प्रदेश में आठ माह बाद विधानसभा चुनाव होने है . इधर इससे पहले ही डूंगरपुर जिले में दावेदारों ने अपना शक्ति प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है. इसी के तहत डूंगरपुर जिले की चिखली पंचायत समिति के पूर्व प्रधान रहे कांग्रेसी नेता महेंद्र बरजोड की ओर से पारडा दरियाटी में होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रियकांत पंड्या सहित कई अन्य कांग्रेसी नेता मौजूद रहे. समारोह में पूर्व प्रधान महेंद्र बरजोड़ ने विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाते हुए सर्व समाज के बैनर तले चुनाव लडने का एलान किया.
उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से टिकट मिले या ना मिले लेकिन वो चुनाव जरुर लड़ेंगे. समारोह को सम्बोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता आज मायूस है, राज्य में कांग्रेस की सरकार होते हुए भी कार्यकर्ताओं के कामकाज नहीं हो रहे है. बड़े नेताओं की आपसी खींचतान के चलते क्षेत्र का विकास अवरूद्ध हो गया है, कांग्रेस का एमएलए नहीं बना पाए. इस मौके पर वक्ताओं ने बीटीपी विधायको पर निशाना साधते हुए कहा कि जातिवाद के नाम से लोगों को गुमराह कर वोट बटोरे अब खुद के विकास में लगे हुए है.
महेंद्र बरजोड़ ने कहा कि जब सरकार आक्सीजन में थी, तब जिले के दो बीटीपी एमएलए ने सपोर्ट किया और खुद की झोली भरते रहे. उन्होंने कहा की कांकरी डूंगरी प्रकरण की आवाज बीटीपी विधायको ने विधानसभा में क्यों नहीं उठाई, सरकार को सपोर्ट किया तब शर्तों के साथ सहयोग होता तो कांकरी डूंगरी प्रकरण से जुड़े मामले सरकार वापस ले लेती. महज दिखावा किया जा रहा है, जिसे जनता अब समझ चुकी है. बीटीपी के नियमानुसार दूसरी बार एमएलए की टिकट नहीं मिलने की संभावना पर दूसरी पार्टी बना डाली, खुद की मां को छोड़ कर दूसरी मां की कोख में जा बैठने का आरोप भी लगाया.