Aspur: Dungarpur: डूंगरपुर जिले की दोवडा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सत्तू में मनरेगा कार्यों के भुगतान में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. पंचायत के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी ने पंचायत में जिस फर्म का सामग्री मद का टेंडर था उस फर्म को विकास कार्यों के सामग्री मद के बिल ना लगाकर किसी अन्य फर्म के नाम से लाखों के बिल ऑनलाइन करवा दिए. इधर मामला उजागर होने के बाद जिला परिषद ने मामले की जांच के लिए जांच टीम बनाई है.


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दिसम्बर तक 12 लाख का हुआ भुगतान


डूंगरपुर जिले की दोवडा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत सत्तू में विकास कार्यों के लिए सामग्री मद के टेंडर किये गए थे. जिसमें रतनजी नामक फर्ज के टेंडर खुला था और पंचायत ने उसके कार्यादेश भी जारी किये थे. जिसके बाद पंचायत ने नवम्बर 2022 से जनवरी 2023 तक फर्म से करीब 65 लाख की सामग्री लेते हुए पंचायत क्षेत्र में 15 विकास कार्य करवाए. इस बीच दिसम्बर तक 12 लाख रुपए का भुगतान सम्बंधित फर्म को किया गया. 


फिर इसके बाद भुगतान बंद हो गया. इसके बाद फर्म ने भुगतान बंद होने के पीछे के कारणों का जाना तो पता चला कि जिन कार्य स्थल पर उसकी फर्म की ओर से सामग्री डाली गई थी उसका बिल अन्य फर्म के नाम से पंचायत में लगे हुए थे. वहीं पंचायत ने उन बिलों को ऑनलाइन भी करवा दिया. जिसकी शिकायत फर्म ने पंचायत समिति के बीडीओ व जिला परिषद सीईओ को की.


जांच टीम का किया गया गठन


इधर इस मामले में जब डूंगरपुर जिला परिषद सीइओ दीपेन्द्र सिंह राठौड़ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद जांच के लिए जांच टीम का गठन किया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बहरहाल सत्तू पंचायत के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी की कार गुजारी सामने आने के बाद जिला परिषद सीईओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है.


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