Dungarpur: डूंगरपुर जिले के लोगों को मिलेगी बड़ी राहत, मेडिकल कॉलेज के जिला अस्पताल में 15 नई स्वास्थ्य जांच शुरू होने वाली हैं .अस्पताल प्रबंधन ने इन मशीनों का इंस्टोलेशन कर लिया है.वहीं, रीजेंट की कमी के साथ अन्य छोटी-मोटी तकनीकी खामियों को दूर कर लिया है.जिसके चलते अस्पताल में अब कैंसर,हॉर्मोन,हृदयाघात से जुड़ी स्वास्थ्य जांचों के साथ ही 15 नई स्वास्थ्य जांचें हो पाएंगी.जिससे मरीजों को अब जांच के लिए निजी सेंटर्स पर जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी.


मशीन विदेशों से आयातित श्रेणी की


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डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के जिला अस्पताल को कई तरह की जांचों के लिए साल 2016 से 2019 तक के बीच सरकार ने कुल एक करोड़ 80 लाख 90 हजार 299 रुपए की मशीनें मुहैया करवाई थी. इसमें लगभग सभी मशीन विदेशों से आयातित श्रेणी की है, इसमें माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एक करोड़ 15 लाख 60 हजार 456.95 रु की मशीनें है. बायो केमिस्ट्री विभाग की 65 लाख 29 हजार 843 रुपए की मशीनें शामिल है. लेकिन इन मशीनों का इंस्टोलेशन सहित अन्य प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया गया था. 


प्रशासन की अनदेखी 


इन मशीनों को शुरू करने को लेकर तत्कालीन अस्पताल प्रशासन की अनदेखी ही रही. इन्हे संचालित करना कोई बड़ी बात नहीं थी, अधिकांश में रीजेंट की कमी अब सामने आई है.कुछ में छोटी मोटी तकनीकी कमी थी.संबंधित विभागों से मिली डिमांड के बाद अब यह मामला सामने आया कि इन मशीनों का फायदा आम जनता को सहज दिलाया जा सकता है.


 अब वर्क ऑर्डर भी जारी 


ऐसे में वर्तमान प्राचार्य और अधीक्षक ने संवेदनशीलता दिखाते हुए रीजेंट के तत्काल टेंडर लगा दिए और अब वर्क ऑर्डर भी जारी हो गए है, वही छोटी मोटी तकनीकी खामियों को दूर कर लिया गया है. वहीं, इन जांच मशीनों के चालु होने से अस्पताल में अब कैंसर, हॉर्मोन, हृदयाघात से जुड़ी स्वास्थ्य जांचों के साथ ही 15 नई स्वास्थ्य जांचें जुड़ गई है.


कई जांच शुरू होने से मरीजो को मिलेगा लाभ


अब तक इससे पहले कैंसर से लगा कर छोटी से छोटी जांच के लिए भी गरीब जनता को बाहर की निजी लैब के चक्कर लगाने पड़ते थे और इलाज के लिए कई बार कर्ज तक लेना पड़ता था जबकि प्रदेश में निशुल्क जांच योजना लागू है.अब इन मशीनों को शुरू किए जाने से लगभग सभी तरह की जांचों का लाभ गरीब जनता को हाथों हाथ मिल सकेगा.


जेब मज़बूरी में ढीली करनी पड़ रही 


बहरहाल पहले के अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते लाखो की जांच मशीने धूल फांक रही थी. वहीं, मेडिकल कॉलेज के जिला अस्पताल में मशीने होने के बावजूद मरीजों को बाहर से जांच करवानी पड़ रही थी और अपनी जेब मज़बूरी में ढीली करनी पड़ रही थी. लेकिन अब करीब दो करोड़ की मशीनें एक बार फिर शुरू हो जाएगी. साथ ही सरकार का गरीब को गणेश मानकर पूजने का सपना भी जल्द ही मूर्त रूप लेगा.


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