मूलचंद लोढ़ा को मिलेगा पद्मश्री पुरस्कर, आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में कर रहे काम
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरुस्कार की घोषणा कर दी है. इस वर्ष दिए जाने वाले पुरस्कर में डूंगरपूर जिले के समाज सेवी मूलचंद लोढ़ा को समाज सेवा के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कर से नवाजा जाएगा.
डूंगरपुर: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री पुरुस्कार की घोषणा कर दी है. इस वर्ष दिए जाने वाले पुरस्कर में डूंगरपूर जिले के समाज सेवी मूलचंद लोढ़ा को समाज सेवा के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कर से नवाजा जाएगा. मूल चंद लोढ़ा वाग्दरी स्थित जन जागरण सेवा मंडल के संस्थापक सचिव है. अपनी संस्था के माध्यम से मूलचंद लोढ़ा वर्षों से आदिवासी उत्थान को लेकर शिक्षा व चिकित्सा क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं.
मूलचंद लोढ़ा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व में प्रचारक रहे हैं. 14 साल तक संघ में काम किया. साथ ही आरएसएस के ही संगठन सेवा भारती राजस्थान के संगठन मंत्री भी रहे हैं. इन्होंने पूरे राजस्थान में काफी प्रवास किया. जिसके बाद किसी एक स्थान पर रहकर वहां काम करने की ठानी.
RSS के प्रचारक रह चुके हैं मूलचंद
उन्होंने वनवासी अंचल डूंगरपुर बांसवाड़ा एवं उदयपुर जिलों में निवासरत जनजाति वर्ग सहित तमाम गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए शिक्षा शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में आजीवन समर्पित एक ऐसा सेवाभावी व्यक्तित्व जिन्होंने शुद्ध सेवा भाव से पिछड़े हुए क्षेत्र में शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्र में आजीवन सेवा का व्रत लिया.
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मूलचंद लोढ़ा ने इस क्षेत्र की तमाम विषमताओं से रूबरू होने के बाद 6 जून 2000 को मझोला गांव में जागरण जन सेवा मंडल का गठन किया. जहां उन्होंने 5 गरीब बच्चों से अपने सेवा प्रकल्प की शुरुआत की. मूलचंद लोढ़ा ने अपने इन प्रयासों को जारी रखते हुए सेवा की अलख जगाई.
आदिवासी क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
उनके सेवाभावी व्यक्तित्व को देखते हुए धीरे-धीरे उनकी सेवा रंग लाई और उन्होंने वागदारी स्थित महाराणा प्रताप परिसर में अपने सेवा क्षेत्र को और विस्तारित किया. जहां शुद्ध सेवा भाव से अंधता निवारण के लिए वनवासी क्षेत्र का प्रथम और अत्याधुनिक संसाधन युक्त आचार्य श्री महाप्रज्ञ नेत्र चिकित्सालय की शुरुआत की. भामाशाहों के सहयोग से एक करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह चिकित्सालय आज सभी आधुनिक चिकित्सा सेवाओं से युक्त है जहां मुंबई के प्रसिद्ध डॉ श्याम अग्रवाल इंदौर के डॉक्टर सुभाष बांडे भी प्रतिवर्ष एक शिविर में आकर के अपनी निशुल्क सेवाएं दे रहे हैं.
गरीब और निराश्रित बच्चों का जीवन संवारने में लगे हैं मूलचंद
यह मूलचंद लोढ़ा का ही प्रयास है कि यहां पर पाली मारवाड़ के सुथार समाज द्वारा एक करोड़ की लागत से गोविंद गुरु विद्या निकेतन विद्यालय का भवन तैयार कराया गया जहां अभी 200 गरीब और निराश्रित बच्चे पढ़ अपने भविष्य को संवार रहे हैं वही एक छात्रावास भी यहां पर संचालित किया जा रहा है जिसमें 300 से अधिक बच्चे लाभान्वित हो चुके हैं. जागरण जन सेवा मंडल द्वारा छात्रावास में रहने वाले छात्रों, चिकित्सालय में ऑपरेशन कराने वाले रोगियों, रोगियों के परिजनों एवं जरूरतमंद लोगों के लिए एक भोजनशाला का भी संचालन किया जा रहा है. जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोगों को के लिए भोजन बनता है. इसका संचालन वागड़ अक्षय अन्य निधि के माध्यम से किया जा रहा है. यहीं पर स्वामी विवेकानंद ध्यान केंद्र भी संचालित है जहां नित्य हवन पूजन के साथ अध्ययन कर रहे हैं बच्चों में संस्कारों का संवहन भी किया जा रहा है.
प्रतिवर्ष वार्षिक व्याख्यान माला आयोजित
मूलचंद लोढ़ा की संस्था द्वारा द्वारा प्रतिवर्ष वार्षिक व्याख्यान माला आयोजित की जाती है. स्वर्गीय सोहनलाल लोढ़ा की स्मृति में आयोजित की जाने वाली इस व्याख्यान वार्षिक व्याख्यान माला में देश के प्रसिद्ध सामाजिक चिंतक विचारक अपना बौद्धिक दे चुके हैं. आजीवन सेवा का व्रत लिए मूलचंद लोढ़ा आज भी एक सरल व्यक्तित्व के रूप में अपने सेवा प्रकल्पों में जुटे हुए हैं और मूल जी भाई साहब के नाम से पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध है.