Dungarpur Big News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में डेंगू अपना कहर बरसा रहा है. जिले में डेंगू से तीसरी मौत सामने आई है. 3 साल की एक बच्ची ने डूंगरपुर जिला अस्पताल में उपचार के दौरान आज दम तोड़ दिया. इससे पहले डेंगू से एक 12 वर्षीय बालक व एक सरकारी कार्मिक की भी मौत हो चुकी है.


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मामले के अनुसार डूंगरपुर जिले के तीजवड़ गांव निवासी 3 साल की यवाक्षी 3 दिन पहले बीमार हुई थी. जिसके बाद परिजनों ने उसकी प्राईवेट लेब में जांच करवाई थी. जिसमें वह डेंगू पॉजिटिव आई. जिसके बाद परिजनों ने कल शाम को यवाक्षी को डूंगरपुर जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती करवाया. 



इधर उपचार के दौरान आज सुबह बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत के बाद उसकी मां का रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं बच्ची के पिता ने दूसरी शादी कर ली है और वह अपनी दूसरी पत्नी के साथ रहता है. इधर बच्ची की मौत की सूचना के बाद भी उसके पिता नहीं आए.



जिसके चलते शव अभी भी जिला अस्पताल की आईसीयू में ही पड़ा है. इससे पहले डूंगरपुर शहर के 12 वर्षीय बालक और मालमाथा गांव निवासी एक सरकारी कार्मिक की डेंगू से मौत हो चुकी है. डेंगू से आज हुई 3 साल की बच्ची के मामले में शव अभी आईसीयू में ही पड़ा हुआ है.




पढ़ें जोधपुर की बड़ी खबर 


जोधपुर जिले के घंटियाला गांव मे स्वयंभू प्रगट वीर बजरंगबली के लाखों भक्त उपासक हैं. मंडल के मीडिया प्रभारी प्रकाश राठी ने बताया कि घंटियाला बालाजी मंदिर प्रांगण में कार्तिक माह की लाभ पंचमी पर श्री घंटियाला बालाजी मंडल सूरत गुजरात द्वारा संगीतमय श्री सुंदरकांड का पाठ एवं घंटियाला धाम पर 17वां वार्षिक महाकुंभ महोत्सव का आयोजन हुआ. मंगलवार को उत्सव में मंदिर की आकर्षक सजावट की गई. 



बालाजी का विशेष पूजन व दरबार छवि झांकी के साथ धूमधाम से मनाया गया. बालाजी की लाईट रोशनी, फूलमंडली, छप्पनभोग, अखंड ज्योत व माहप्रसादी का आयोजन हुआ. उटांबर, बिराई, बासनी, चावड़ा, केरू, जोधपुर, घंटियाला सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पुजारी अशोक महाराज के सानिध्य में आयोजित बाल स्वरूप श्री रामलला की जीवित अति सुंदर झांकी लविष फोफलिया द्वारा व भजन संध्या में कलाकारों ने भक्तिरस की सरिता बहाई.



भक्तों के आने जाने में बसों की व्यवस्था जोधपुर से की गई. इस अवसर पर मंडल संस्थापक हेमराज राठी, किशोर केला, चम्पालाल भाटी, मनीष लद्दड़, गणेशराठी, प्रकाश सैन, सुरेश मुंदड़ा, राधेश्याम भट्टड़ सहित मंडल सभी सदस्यों बालाजी के दरबार में उपस्थित रहे.