Dungarpur: डूंगरपुर में स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान को लेकर हुआ सेमीनार
Dungarpur: डूंगरपुर में स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान को लेकर सेमीनार आयोजित हुआ.
Dungarpur: डूंगरपुर जिले के विजयाराजे सिन्ध्या ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय जनजाति आयोग और एसबीपी कॉलेज की ओर से स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायको का योगदान विषय पर सेमीनारका आयोजन किया गया. सेमीनारमें राष्ट्रीय जनजाति आयोग के प्रतिनिधि आर एस मिश्रा मुख्य वक्ता रहे . जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जनजातीय योद्धाओं का उल्लेख किया.
राष्ट्रीय जनजाति आयोग की ओर से देश के 125 विश्वविद्यालयों में स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायको का योगदान विषय पर गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज राष्ट्रीय जनजाति आयोग और एसबीपी कॉलेज डूंगरपुर की ओर से शहर के विजयाराजे सिन्ध्या ऑडिटोरियम में सेमीनारका आयोजन हुआ. सेमीनारमें राष्ट्रीय जनजाति आयोग के प्रतिनिधि आर एस मिश्रा मुख्य वक्ता रहे. वहीं मध्य प्रदेश से आये राजाराम कटारा ने भी अपने विचार प्रकट किए. इस मौके पर मुख्य वक्ता आर एस मिश्रा ने कहा कि जनजातीय समाज से आने वाले हमारे नायकों के बारे में इतिहास में न्याय नहीं किया गया है. सिद्धू कान्हू, बुद्धु भगत, शंकर शाह, तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, कालीबाई, सेंगाभाई, नानाभाई खांट जैसे वीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन इतिहास में जिस तरह से उसका वर्णन किया जाना चाहिए था वैसा नहीं किया गया.
अंग्रेजों ने साजिश के तहत जनजाति समाज की गौरवशाली परंपरा को झुठलाकर उन्हें अपराधिक जनजाति घोषित कर दिया. दरअसल ऐसा इसलिए था क्योंकि जनजाति समाज ने कभी उनकी गुलामी को स्वीकार ही नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर ऐसे कार्यक्रमों को करने का उदे्श्य भी यही है कि समाज को स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज के योगदान का पता चल सके. साथ ही विश्वविद्यालयों में जनजातीय विषयों से जुड़े विषयों पर अनुसंधान को बढ़ावा मिले और जनजाति समाज से आने वाले छात्र भी ज्यादा से ज्यादा अनुसंधान में शामिल हों. उन्होंने कहा कि युवाओं को भारत के इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी होना बहुत आवश्यक है.
Reporter- Akhilesh Sharma
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