International Yoga Day: बस एक बार जान लें इन 8 योगासन के फायदे, डॉक्टर की नहीं पड़ेगी जरूरत
8 Most Beneficial Yoga Poses: आज पूरी दुनिया में बड़े धूमधाम के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे मनाया जाता है. यह बात तो आपको पता ही है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए योग कितना आवश्यक है? यह शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से सेहत को कई तरह के फायदे पहुंचाता है. जो लोग नियमित योग करते हैं, वह निरोग भी रहते हैं. इसके साथ ही उनके शरीर में बीमारियां कम हमला कर पाती हैं. कुछ लोग आदत के चलते योग नहीं करते हैं लेकिन आज हम आपको कुछ खास योगासन के दमदार फायदे बताएंगे.
प्राणायाम और मुद्राएं भी सेहत को दमदार लाभ पहुंचाती
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने के लिए अलग-अलग तरह के योगासन किए जाते हैं. कुछ प्राणायाम और मुद्राएं भी सेहत को दमदार लाभ पहुंचाती हैं लेकिन जो लोग पहली बार योग करते हैं, उन्हें कुछ खास योगासनों के बारे में जरूर पता होना चाहिए. ऐसे में आज हम आपको 8 योगासन के असरदार फायदे बताएंगे, जो कि किसी भी उम्र के महिला पुरुष कर सकते हैं. यह शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में काफी योगदान निभाते हैं.
गोमुखासन
अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर, कंधों की जकड़न, रीढ़ को लंबा करने या फिर गलत पोजीशन को ठीक करने की दिक्कत हो रही है. ऐसे लोगों को गोमुखासन का अभ्यास करना चाहिए. गोमुखासन पीठ की मसल्स को मजबूत करने से लेकर तनाव और चिंता को कम करने में काफी असरदार माना जाता है.
सर्वांगासन
थायराइड ग्रंथि को हेल्दी बनाए रखने के लिए सर्वांगासन का अहम योगदान है. इसके अभ्यास से ब्लड सरकुलेशन कंट्रोल रहता है. सर्वांगासन करने वाले लोगों में कब्ज की शिकायत, बालों का झड़ना और तनाव की स्थिति कम देखी जाती है. इस आसन को करने से नींद की गुणवत्ता सुधरती है और इसके साथ ही बढ़ते वजन को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है.
मार्जरी आसन
पेट से जुड़ी किसी भी समस्या से निपटने के लिए मार्जरी पोज का आसन बेहद असरदार माना जाता है. यह पेट के अंगों की मालिश तो करता ही है, इसके साथ ही कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है. आंतों को स्वस्थ रखने के लिए मार्जरी आसन जरूर करना चाहिए. इसके साथ ही पेट फूलने की शिकायत से भी लाभ मिलता है. आप अपने पेट, पीठ और रीड की परेशानियों से निजात पाने के लिए इस योग का अभ्यास कर सकते हैं.
सेतुबंधासन
रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए सेतुबंधासन काफी असरदार माना जाता है. सेतुबंधासन का अभ्यास करने से छाती, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है, जिसकी वजह से मस्तिष्क शांत रहता है और तनाव को कम करने में मदद मिलती है. इस आसन को करने से पाचन क्रिया भी सुधरती है. इसके साथ ही फेफड़ों और थायराइड को भी उत्तेजित करता है.
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन आसन करने से तनाव कम होता है. इससे पेट की चर्बी भी दूर होती है. हड्डियों को लचीला बनाने और बेहतर पाचन के लिए इस आसन का अभ्यास किया जाता है. इससे अनिद्रा की समस्या भी दूर होती है.
अनुलोम विलोम प्राणायाम
माइग्रेन से राहत पाने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम आसन का अभ्यास काफी असरदार माना जाता है. इस को नियमित रूप से करने से माइग्रेन से राहत मिलती है और नींद की गुणवत्ता में भी सुधार आता है. जो लोग तनाव, अवसाद या फिर चिंता की समस्या से जूझ रहे होते हैं, उन्हें अनुलोम विलोम प्राणायाम जरूर करना चाहिए.
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम को करने से मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया सुधरती है. इससे वजन कम होता है और शरीर की सभी नाड़ियां शुद्ध होती हैं. पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत करने में इस प्राणायाम का काफी योगदान माना जाता है. इस प्राणायाम को करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और चेहरे पर रौनक आती है.
अधोमुख श्वानासन
अनिद्रा, पीठ दर्द, सिर दर्द और थकान से राहत पाने के लिए अधोमुख श्वानासन का अभ्यास काफी असरकारक माना जाता है. इससे बाजू और टांगों को मजबूती मिलती है. पाचन क्रिया में भी खासा सुधार ले कर आता है.