दलित बच्चे की हत्या को लेकर हनुमानगढ़ में भी आक्रोश, जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने वाले संगठनों में दलित शोषण मुक्ति मंच, अखिल भारतीय नायक विकास महापरिषद और डॉ. अम्बेडकर नवयुवक संघ के सदस्य शामिल थे. ज्ञापन सौंपने जाते समय इन संगठनों के सदस्यों की जिला कलक्ट्रेट परिसर में तैनात पुलिस कर्मियों के साथ हल्की धक्का-मुक्की भी हुई.
Hanumangarh: जालोर जिले के सुराणा गांव में मासूम छात्र इन्द्र मेघवाल की हत्या करने के मामले में आरोपी शिक्षक को कठोर सजा देने के साथ मृतक के परिजनों को मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की जा रही है. इसको लेकर विभिन्न संगठनों ने जिला कलक्ट्रेट के समक्ष सांकेतिक धरना देकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा.
धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने वाले संगठनों में दलित शोषण मुक्ति मंच, अखिल भारतीय नायक विकास महापरिषद और डॉ. अम्बेडकर नवयुवक संघ के सदस्य शामिल थे. ज्ञापन सौंपने जाते समय इन संगठनों के सदस्यों की जिला कलक्ट्रेट परिसर में तैनात पुलिस कर्मियों के साथ हल्की धक्का-मुक्की भी हुई.
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इस दौरान अखिल भारतीय नायक विकास महापरिषद के प्रदेशाध्यक्ष और डॉ. अम्बेडकर नवयुवक संघ के अध्यक्ष नारायण नायक बेहोश होकर गिर गए. इससे वहां हड़कंप मच गया. मौके पर मौजूद संगठनों के सदस्यों ने उन्हें तत्काल निजी वाहन के जरिए अस्पताल के लिए रवाना किया.
क्या बोले दलित शोषण मुक्ति मंच के रघुवीर सिंह वर्मा
इस मौके पर दलित शोषण मुक्ति मंच के रघुवीर सिंह वर्मा ने कहा कि राजस्थान में लगातार दलितों पर हमले बढ़ रहे हैं. कभी दलित के मूंछ रखने पर हत्या तो कभी घोड़ी पर चढऩे पर हमला. अब तो तब हद हो गई है जब एक तरफ पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव के रंग में रंगा हुआ है, दूसरी ओर सुराणा (जालौर) के विद्यालय में छात्र इन्द्र मेघवाल की ओर से स्वर्ण जाति के लिए रखे मटके से पानी पीना भी एक अध्यापक को अखरता है और अध्यापक की ओर से पीट-पीट कर उस मासूम नासमझ बच्चे की हत्या कर दी जाती है. यह हमारे राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे लोगों को तुरंत कठोर से कठोर सजा से दण्डित किया जाए.
पांच लाख रुपये के मुआवजे को बताया नाकाफी
डॉ. अम्बेडकर नवयुवक संघ के अध्यक्ष नारायण नायक ने राज्य सरकार की ओर से मृतक के परिवार को दिए गए पांच लाख रुपये के मुआवजे को नाकाफी बताते हुए कहा कि राज्य सरकार भी मृतक के परिवार के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है. कुछ दिन पूर्व उदयपुर की घटना में मृतक कन्हैया लाल के परिवार को पचास लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाती है. यह भेदभाव पूर्ण रवैया उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्षों के बाद अगर आज भी राज्य में ऐसी शर्मसार करने वाली घटनाएं होती हैं तो राज्य में सरकार की व्यवस्था पर सवालिया निशान लगता है.
ज्ञापन में कही गई ये बातें
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया कि अगर छात्र इन्द्र मेघवाल के हत्यारे को कठोर सजा नहीं दी जाती एवं मृतक के परिवार को पचास लाख रुपये मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं दी जाती है तो दलित शोषण मुक्ति मंच आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा. इस मौके पर जसपाल सिंह, हरजीराम, संदीप बाजीगर, कमला, रजनी, शांति, सुलोचना, संतोष आदि मौजूद थे.
Reporter- Manish Sharma
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