Hanumangarh News:  राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र और रावतसर के लोगों की एक जैसा समस्या और चुनाव मे सबसे बड़ा मुद्दा भी एक जैसा है. दोनों जगहो पर लोगों की कई प्रकार की समस्याएं हैं. जैसे रावतसर रेल्वे फाटक की समस्या, राजकीय महाविद्यालय खोलने की, पीलीबंगा, रावतसर और गोलूवाला में टूटी सड़कें सहित स्वच्छ पेयजल और बरसाती पानी निकासी का ना होना आदि मुख्य  है. लेकिन आजतक हल नही हो पाया हैं. जिसका  नुकसान सबसे अधिक किसानों को हो रहा है. 


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पीलीबंगा नगरपालिका में भ्रष्टाचार भी एक बड़ा मुद्दा है. आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों ने इन सभी समस्याओं से निजात पाने की मांग की हैं. पीलीबंगा में कांग्रेस के बड़े नेता विनोद गोठवाल और कांग्रेस के सुखचैन सिंह रमाणा के बीच 36 का आंकड़ा है. जो की चुनाव मे फूट के रूप मे देखा जा रहा है.


पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र सरस्वती नदी घाटी सभ्यता का केन्द्र रहा है. और यहां से मात्र 5 किलोमीटर दूर स्थित कालीबंगा सभ्यता विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में शुमार है. पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र का गठन 1977 में हुआ था. और 2008 में आरक्षित किया गया था. 


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1977 में हुए पहले चुनाव में जनता पार्टी के हरचंद सिंह सिद्धू ने जीत हासिल की थी. जातिगत आंकड़ों की बात करें तो पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र में कुल 295000 वोट हैं. जिनमें सर्वाधिक करीब 70 हजार वोट एसटी समुदाय के हैं इसके अलावा करीब 30 हजार वोट सिख समुदाय के हैं.


राजनीतिक रूप से बात करें तो पीलीबंगा विधानसभा से लगातार दो बार बीजेपी ने कांग्रेस प्रतायक्षी को पटखनी दी है. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा और कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला होता दिखाई दे रहा है. भाजपा की तरफ से वर्तमान विधायक धर्मेन्द्र मोची, पूर्व विधायक द्रोपदी मेघवाल, भाजपा एससी मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष कैलाश मेघवाल मुख्य दावेदार हैं. वहीं कांग्रेस की तरफ से पिछले दो चुनावों में प्रत्याशी रहे, विनोद गोठवाल, पूर्व सांसद भरतराम मेघवाल मुख्य दावेदार हैं.