Hanumangarh News: हनुमानगढ़ जिले के मधुमक्खी पालकों ने शहद की एमएसपी घोषित करने और सरकारी खरीद करने की मांग को लेकर जंक्शन के जाट भवन से हनुमानगढ़ जिला कलक्ट्रेट तक रैली निकाली. 


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रैली के बाद जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए मधुमक्खी पालकों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा और कहा कि उनका शहद इतनी कम कीमत पर बिक रहा है, जिससे कि उसकी लागत भी पूरी नहीं हो रही. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि शहद की एमएसपी घोषित कर इसकी सरकारी खरीद शुरू की जाए ताकि मधुमक्खी पालक बच सकें. 


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संघर्ष समिति अध्यक्ष रमेश कुमार ने बताया कि मधुमक्खी पालकों का शहद पिछले 20 वर्ष से 70 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है. जबकि मधुमक्खी पालकों का खर्चा पहले से 10 गुणा बढ़ गया है. उसके हिसाब से आज के समय में शहद की कीमत 500 रुपये प्रति किलोग्राम होनी चाहिए. लेकिन उन्हें प्रति किलोग्राम के 100 रुपये भी नहीं मिल रहे. मधुमक्खी पालकों को लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा. उन्होंने कहा कि वे घर से बाहर और दूसरे की जमीन पर रहकर शहद पैदा करते हैं लेकिन आज उन पर काफी बड़ा संकट आया हुआ है. शास्त्रों में शहद को अमृत कहा गया है लेकिन मधुमक्खी पालक दर-दर की ठोकरें खाते घूम रहे हैं. सरकार से मांग है कि शहद की सरकारी मंडी निर्धारित कर शहद खरीदा जाए. मिड डे मील में भी शहद को शामिल किया जाए. 


शहद का समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए
सचिव प्रकाश सिंह ने कहा कि उन्हें न तो उनके शहद का वाजिब मूल्य मिल रहा है और न ही कोई खरीददार. मधु मक्खी पालकों की सरकार से मांग है कि शहद का समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए. इसके अलावा शहद की सरकारी खरीद हो ताकि मधुमक्खी पालक यह कार्य लगातार जारी रख सकें. 


क्या कहना है मधुमक्खी पालक का
मधुमक्खी पालक राजेश जाखड़ ने कहा कि शहद तैयार करने में लगने वाले खर्चा भी नहीं मिलता. उन्होंने मांग की कि सरकार इसमें हस्तक्षेप करे और सरकारी खरीद शुरू कर मधुमक्खी पालकों को उचित दाम दिए जाएं. इस मौके पर प्रकाश सिंह बादल, रमेश जांगू, बंटु मंदेरणा, राजेश जाखड़, जसप्रीत सिंह, गुरसेवक सिंह, संदीप बराड़, रमेश जोगीवाला सहित कई मधुमक्खी पालक मौजूद थे.