Hanumangarh News: वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर जेल प्रहरियों की भूख हड़ताल आज तीसरे दिन भी जारी रही. इस दौरान जिला जेल हनुमानगढ़ के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे 6 जेल प्रहरियों की तबीयत बिगड़ गई, जिसमें एक महिला जेल प्रहरी भी शामिल है. तबीयत बिगड़ने के बाद चिकित्सक ने मौके पर सभी आंदोलनकारियों के स्वास्थ्य की जांच की ओर एंबुलेंस से 6 प्रहरियों को टाऊन के जिला अस्पताल में भिजवाया गया है, जिला अस्पताल चौकी प्रभारी अंग्रेज सिंह ने बताया कि जिला जेल में अनशन कर रहे प्रहरियों में एक महिला सहित 6 प्रहरियों की तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया है, जहां सभी का इलाज जारी है. तबियत बिगड़ने पर जेल स्टाफ ने प्रहरी मंजू दहिया, पवन कुमार, विष्णु कुमार, महेंद्र कुमार, जयवीर और राकेश कुमार को ट्रॉमा सेंटर लाया गया है.


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आंदोलनकारी जेल प्रहरियों की जांच करने वाले चिकित्सक के अनुसार सभी 6 प्रहरियों की तबीयत ज्यादा बिगड़ रही है और वह इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेंगे. गौरतलब है कि वेतन और भत्तों की विसंगतियों को दूर करने और साल 2017 में राज्य सरकार से हुए समझौते को लागू करने की मांग को लेकर जेल प्रहरियों की ओर से बेमियादी मैस बहिष्कार रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. जेल प्रहरी तीन दिन पहले शुक्रवार सुबह से अन्न का त्याग कर ड्यूटी दे रहे हैं. रविवार सुबह भूख हड़ताल कर रहे जेल प्रहरियों में एक महिला सहित 6 प्रहरियों की तबीयत बिगड़ने पर चिकित्सक पहुंचे और स्वास्थ्य जांच कर इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया.


साथ ही मैस बहिष्कार आंदोलन अखिल राजस्थान राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के बैनर तले किया जा रहा है. जेल प्रहरियों की मांग का जेलर अमराराम भाटी ने भी समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को जेल प्रहरियों की जायज मांगों को मानना चाहिए. जेल प्रहरियों ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी. जेल प्रहरियों का कहना है कि सरकार और उनके विभाग के बीच यह बात 1997-98 से चली आ रही है. कर्मचारियों की शुरू से ही कई मांगें रही हैं. कारागृह कार्मिकों की मांग है कि जेल पर ही तैनात आरएसी (जेल सुरक्षा) के पदनाम के अनुसार कारागृह कर्मियों को समान सैलरी, भत्ता और अन्य सुविधाएं दी जाएं. 


आपको बता दें कि कर्मचारियों को 25 छुट्टियां दी जाए. उन्हें हार्ड ड्यूटी अमाउंट 200 रुपए से बढ़ाकर मूल वेतन का 12 प्रतिशत कर दिया जाए. रोडवेज पास लागू किया जाए. कैंटीन की सुविधा भी दी जानी चाहिए. प्रहरी और मुख्य प्रहरियों को वीकली ऑफ में मुख्यालय छोडऩे की परमिशन दी जाए. राजस्थान के सभी उप कारागृह पर एक लांगरी की व्यवस्था की जाए. मैस भत्ता पांच हजार रुपए प्रतिमाह किया जाए, सहित अन्य मांगें रखी गई थीं. साल 2017 में जो समझौता हुआ था, उसे लागू किया जाए.


Reporter: Manish Sharma


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