सरकारी व्यवस्थाओं के विरोध में ग्रामीणों का धरना, आंदोलनात्मक कदम उठाने की चेतावनी
ना किसी की मौत हुए पूरा गांव शोक में शामिल होकर अंतिम क्रिया के सभी संस्कार निभा रहा है. हनुमानगढ़ टाउन के गांव कोहला का जहां ग्रामीण नगर परिषद द्वारा जंक्शन से स्थानांतरित कर गांव के पास बनाने का विरोध कर रहे है.
Hanumangarh: बिना किसी की मौत हुए पूरा गांव शोक में शामिल होकर अंतिम क्रिया के सभी संस्कार निभा रहा है. हनुमानगढ़ टाउन के गांव कोहला का जहां ग्रामीण नगर परिषद द्वारा जंक्शन से स्थानांतरित कर गांव के पास बनाने का विरोध कर रहे है. सरकारी व्यवस्थाओं के विरोध में अंतिम क्रिया और शोक मना कर ग्रामीण पिछले आठ दिन से धरना दे रहे है.
ग्रामीणों का कहना है कि हड्डारोड़ी हटने से कुछ कम उन्हें मंजूर नहीं इसी को लेकर ग्रामीणों का विरोध धीरे-धीरे तेज होता जा रहा है. हड्डारोड़ी के विरोध में ज्ञापन, प्रदर्शन के बाद ग्रामीणों ने विरोध का अनोखा तरीका इख्तियार किया हुआ है. शव यात्रा और अंतिम संस्कार के बाद ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से अस्थियां एकत्र कर विसर्जन के लिए रवाना की है.
धरना स्थल पर पुरोहित सुरेंद्र शर्मा ने सनातनी हिंदू परंपरा के अनुसार जिला प्रशासन के प्रतीकात्मक पुतला के अंतिम संस्कार के बाद जिला प्रशासन की अस्थियां चुनने की रस्म, तिपाई पर प्रशासन की चिता शांत करने के लिए मिट्टी के कलश की स्थापना कर अस्थियों को थाली में डालकर लकड़ी के बाजोट पर स्थापित करके ग्रामीणों की ओर से उसकी परिक्रमा करने के सहित सभी रीति-रिवाज करते हुए समिति संरक्षक पूर्व प्रधानाचार्य हरिराम सुथार और अन्य ग्रामीणों के साथ कोहला हड्डारोडी एक्सप्रेस कार में हरिद्वार अस्थि विसर्जन के लिए रवाना हुए. अस्थि विसर्जन एक्सप्रेस से रवाना होने से पहले महिलाओं ने हड्डारोडी का विरोध दर्ज करवाते हुए मां गंगा के लोक भजन भी गए.
इस दौरान समिति सदस्यों ने कहा कि गांव कोहला के नागरिक झूठे मुकदमों से डरने वाले नहीं हैं. हड्डारोड़ी हटने से पहले वे पीछे नहीं हटेंगे. संघर्ष समिति के लीलाधर शर्मा ने कहा कि ग्रामीण अब आर-पार की लड़ाई कर रहे हैं जो अब कोहला ग्रामीणों की जीत के साथ ही खत्म होगी. समिति सदस्य ने बताया कि जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से वार्ता में जिला कलेक्टर ने संघर्ष समिति को समस्या निवारण के लिए सकारात्मक आश्वासन दिया है.
संघर्ष समिति का कहना है कि जब हड्डारोड़ी एक दिन में यहां बन सकती है तो यहां से हटवाई भी जा सकती है. अब जिला प्रशासन को तत्परता दिखा कर गांव को समस्या से निजात दिलवाने की मांग की है. कैलाश टाक ने कहा कि यदि प्रशासन जायज मांग के प्रति जल्द ही नहीं चेता तो मजबूरन चक्काजाम, आमरण अनशन, नगर परिषद का घेराव जैसे आंदोलनात्मक कदम उठाने पड़ेंगे.
वहीं धरने में शामिल गांव की बुजुर्ग आक्रोशित महिला कमला देवी ने कहा कि अभी गांव के हर घर की महिला यहां धरने में हड्डारोड़ी का विरोध शांति से कर रही है. अभी तक तो महिलाएं लक्ष्मी स्वरूप प्रदर्शन कर रही है पर महिलाओं ने अगर कालका स्वरूप ले लिया तो हड्डारोड़ी को उठवा देंगे. कमला देवी ने कहा कि अब चाहे हमें यहीं प्राण त्यागने छोड़ने पड़े लेकिन गांव को बर्बाद नहीं होने देंगे. इस दुर्गंध के चलते ना हम खा सकते ना कुछ पी सकते जिंदगी दुश्वार हुई पड़ी है. इतने दिन से विरोध में धरना लगाए हुए बैठे हैं, कोई सुनवाई नहीं हो रही आखिर प्रशासन चाहता क्या है हमसे.
Reporter: Manish Sharma
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