Keoladeo National Park, King Cobra: राजस्थान के भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों और जंतुओं के लिए जाना जाता है. केवलादेव नेशनल पार्क में विशाल जैव विविधता देखने को मिलती हैं. बहुत कम ही लोगों को पता है कि यहां सांपों की 13 प्रजातियां देखने को मिलती हैं. इनमें से कुछ सांपों की प्रजातियां बहुत जहरीली भी हैं. भरतपुर के इस नेशनल पार्क में कुछ ऐसे सांपों की प्रजातियां बी पाई जाती हैं, जो बहुत जहरीले नहीं होते. इतना ही नहीं, इस उद्यान में सैकड़ों अजमर भी मौजूद हैं.


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जैव विविधता का भंडार है नेशनल पार्क 


बताया जाता है, कि Keoladeo National Park में लगभग 350 से ज्यादा प्रजाति के पक्षी रहते हैं. इसी लिए इसे दुनिया में पक्षी अभ्यारण के तौर पर जाना जाता है. लेकिन सच्चाई ये है, कि ये नेशनल पार्क जैव विविधता का खजाना है. यहां पक्षी, कछुए, तितलियां वन्यजीवों के अलावा, प्रचुर मात्रा में सरीसृप मौजूद हैं. जानकार बताते हैं, कि पार्क में करीब 13 तरह के सांपो की प्रजातियां पाई जाती हैं.



केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाते हैं ये सांप


बताया जाता है, कि साल 1986 से 1990 के दर्मियान पर्यावरणविद S भूपति (S Bhupathi) के शोध में ये पाया गया, कि उद्यान में करीब 13 प्रजातियां पाई जाती हैं. यहां प्रजातियों में पानी वाले सांप स्नेक, रैट सांप, वुल्फ स्नेक, इंडियन कोबरा (Indian cobra), कॉमन सेंड बोआ सांप, रेड सेंड बोआ सांप, कैट सांप, वुल्फ सांप, कुकरी सांप, रिबन सांप, इंडियन क्रेट, स्पेक्टेबेल्ड कोबरा और रसेल वाइपर शामिल हैं. 


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सबसे जहरील और दुर्लभ सांप


जानकार बताते हैं कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (Keoladeo National Park) में सई सांप बेहद जहरीले हैं. जैसे कि बैंडेट क्रेट और रसेल वाइपर सांपों की वो प्रजातियां हैं, कि अगर ये किसी पर अपना फन पटक दें, और उसे सही वक्त पर इलाज ना मिले, तो उसकी जान भी जा सकती है. इसी तरह सेंड बोआ सांप, रेड सेंड बोआ सांप, रसेल वाइपर और इंडियन सॉ स्केल्ड वाइपर नामक सांप बहुत ही दुर्लभ हैं, जो इस पार्क में मौजूद हैं. 


केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के पायथन


बताया जाता है, कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में सबसे ज्यादा तादाद में इंडियन रॉक पायथन पाए जाते हैं. S Bhupathi के सर्वे के वक्त 29 वर्ग किसी में फैले उद्यान में 150 अजगरों के फुटमार्क चिह्नित किए गए थे. अब इनकी तादाद और ज्यादा हो गई है. जानकार मानते हैं, कि Keoladeo National Park का जितना क्षेत्र है, उतने कम क्षेत में यहां से अधिक अजगर शायद ही देश में कहीं पाए जाते होंगे. 


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