जयपुर: गांव और शहरों में नर-गोवंश को लावारिस हालत में घूमने पर रोक लगाने की कवायद शुरू हो गई है. जयपुर के ग्रामीण इलाकों से शहर में नर-गौवंश की संख्या को कंट्रोल करने के लिए नंदीशाला खोलने की तैयारी की जा रही हैं. इसके लिए जयपुर जिले में हर पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला खोली जाएंगी.


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साथ ही जिला स्तर पर हिंगौनिया पुर्नवास केंद्र में एक नंदीशाला बनाया जा रहा हैं.इसके लिए प्रशासन की ओर से कार्य शुरू कर दिया गया है. बजट घोषणा के तहत पशुपालन विभाग ने नंदीशाला खोलने के लिए 13 फरवरी तक आवेदन मांगे हैं.


नर-गौवंश के विचरण से फसलें हो रही बर्बाद


जिला स्तर पर हिंगौनियां गौशाला पुर्नवास केंद्र में 25 बीघा जमीन पर तैयार हो रहीं नंदीशाला 500 नर-गौवंश की देखभाल की जाएगी. वहीं, हर पंचायत समिति स्तर पर 10 बीघा जमीन पर तैयार होने वाली नंदीशाला में 250 गौवंश को रखा जाएगा. जयपुर जिले में नंदीशाला खुलने से गोवंश से वाहन सवारों और आमजन को होने वाली परेशानी से भी राहत मिलने की उम्मीद है. वर्तमान में जयपुर शहर सहित अन्य शहरी-ग्रामीण इलाकों में नर-गौवंश की तादात लगातार बढ़ रही है. नर-गौवंश के विचरण से आए दिन ट्रैफिक जाम हो जाता हैं. इनकी संख्या में बढ़ोतरी होने का एक बड़ा कारण ग्रामीण इलाकों से इन नंदियों को शहरों की सीमा में लोग छोड़ देते हैं, क्योंकि ये नन्दी खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. अगर इन पंचायत समितियों में नन्दीशाला बनती है तो फिर ग्रामीण इन आश्रय स्थलों में इनको छोड़ सकेंगे.जिससे जयपुर शहर सहित बड़ी सड़कों, कस्बों में इनकी आबादी पर कंट्रोल होगा.


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13 फरवरी तक आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि


अतिरिक्त जिला कलेक्टर बीरबल सिंह ने बताया की योजना के तहत अभी जयपुर की जोबनेर, किशनगढ़-रेनवाल, सांभर लेक और मौजमाबाद पंचायत समितियों में नंदीशाला खोले जाने के लिए प्रस्ताव आ चुके हैं. 18 पंचायत समितियों के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं, जिसकी आखिरी तारीख 13 फरवरी है. राज्य सरकार ने 20 बीघा जमीन पर 250 गौवंश के लिए बनने वाली नन्दीशाला के निर्माण पर 1.57 करोड़ रुपए की लागत मानी है..इस कुल खर्च का 90 प्रतिशत यानी 1 करोड़ 41 लाख 30 हजार रुपए राज्य सरकार वहन करेगी..जबकि 10 प्रतिशत राशि संबंधित संस्थान को खर्च करनी होगी..अगर 1.57 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत आती है तो भी सरकार 1.57 करोड़ का 90 फीसदी ही हिस्सा मदद के रूप में देगी.


20 की जगह 10 बीघा में खुलेगी नंदीशाला


एडीएम नॉर्थ बीरबल सिंह ने बताया की नंदीशाला खोलने के लिए पहले 20 बीघा भूमि होना जरूरी थी, जिसमें भी अब शिथिलता देते हुए इस सीमा को 10 बीघा तक कर दिया गया है. नंदीशाला में आवासित पशुओं के लिए 9 माह के लिए राशि दी जाएगी.नंदीशाला मे छोटे नंदी के लिए 20 रुपए प्रतिदिन और बडे नंदी के लिए 40 रुपए प्रतिदिन सहायता राशि दी जाएगी.बीरबल सिंह ने बताया की नंदीशाला बनने से किसानों को बडी राहत मिलेगी.क्योंकि उनकी फसल को नुकसान पहुंचाने वाले आवारा पशुओं से उन्हें शीघ्र राहत मिलेगी.वहीं हाइवे-शहर की सड़कों पर इनसे होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.जयपुर जिले में चार पंचायत समितियों के लिए आवेदन आ चुके हैं, जिसकी प्रकिया शुरू हो गई हैं. शेष 18 पंचायत समितियों में नंदीशाला खोलने के लिए निविदा ऑनलाइन जारी की गई हैं. निविदा खुलने के बाद नंदीशाला खोलने वाली संस्था का चयन हो सकेगा.


बहरहाल, गो संरक्षण के लिए काऊ टैक्स के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए वसूले जा रहे हैं, लेकिन गोवंश को संरक्षण का अभी इंतजार है. गोवंश गांव व शहरों में लावारिस हालत में भटकने को मजबूर है. इसका मुख्य कारण गोवंश संरक्षण के लिए उचित व्यवस्था नहीं होना है, लेकिन अब नंदीशाला खुलने की प्रकिया शुरू होने से लोगों को राहत की उम्मीद बंधी हैं.