क्या नोटा ने बदला राजस्थान का चुनावी समीकरण! 2.79लाख से ज्यादा वोटर्स ने नकारे सभी उम्मीदवार
Lok Sabha Chunav 2024:निर्वाचन आयोग से मिले आंकड़ों के अनुसार इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश के 2 लाख 79 हजार 464 मतदाताओं को किसी भी पार्टी का प्रत्याशी नहीं भाया हैं.
Lok Sabha Chunav 2024:लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आ चुका हैं.राजस्थान चुनाव में बीजेपी को 14 और कांग्रेस को 8, बीएपी, आरएलपी और माकपा को एक-एक सीट पर जीत मिली.निर्वाचन आयोग से मिले आंकड़ों के अनुसार इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश के 2 लाख 79 हजार 464 मतदाताओं को किसी भी पार्टी का प्रत्याशी नहीं भाया हैं.इन मतदाताओं ने नोटा में बटन दबाकर अपना गुस्सा जाहिर किया है.
लोकसभा चुनाव में 2 लाख 79 हजार 464 मतदाताओं ने चुनावी मैदान में उतरे सभी 266 प्रत्याशियों को नकारते हुए नोटा पर बटन दबाया.हालांकि यह पिछले दो लोकसभा चुनाव 2019 और 2014 के मुकाबले कम है.2019 में प्रदेश में 3 लाख 26 हजार 502 मतदाताओं ने, तो 2014 के चुनाव में 3 लाख 27 हजार 610 मतदाताओं ने नोटा इस्तेमाल किया था.
सिर्फ जयपुर ग्रामीण सीट पर जीत के अंतर 1615 से ज्यादा वोट नोटा पर चले गए.जयपुर ग्रामीण सीट पर 7519 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया है.2019 के चुनाव परिणामों की तुलना 2014 से की जाए तो प्रदेश की 25 सीटों में से मात्र 8 सीटों पर नोटा में बढ़ोतरी हुई थी.इनकी तुलना 2024 के परिणामों से की जाए तो प्रदेश की 7 सीटों पर ही नोटा बढ़ा है.शेष सभी सीटों पर 2014 की तुलना में नोटा में कमी आई है.
2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के 25 सीटों पर नोटा की बात करें तो 11 लोकसभा क्षेत्रों में (चुरू, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर, नागौर, चित्तौड़गढ़) में नोटा का अधिकतम आंकड़ा 10 हजार तक हैं.
12 सीटों पर 10 हजार से 20 हजार तक और 2 सीटों (उदयपुर और बांसवाड़ा) में 20 हजार से ज्यादा नोटा का उपयोग किया गया.सबसे कम भरतपुर में 5 हजार 443 और सबसे ज्यादा उदयपुर में 22 हजार 948 मतदाताओं ने नोटा का उपयोग किया.
लोकसभावाइज नोटा का डाटा
अजमेर::::::::::::::::::::::::::::::11402
अलवर::::::::::::::::::::::::::::::5822
बासंवाडा:::::::::::::::::::::::::::20970
बाडमेर::::::::::::::::::::::::::::::17903
भरतपुर::::::::::::::::::::::::::::::5443
भीलवाडा::::::::::::::::::::::::::::13776
बीकानेर::::::::::::::::::::::::::::::12558
चित्तौडगढ::::::::::::::::::::::::::::5590
चूरू ::::::::::::::::::::::::::::::6656
दौसा::::::::::::::::::::::::::::::5846
गंगानगर::::::::::::::::::::::::::::::13095
जयपुर शहर::::::::::::::::::::::::10428
जयपुर ग्रामीण::::::::::::::::::::::7519
जालौर::::::::::::::::::::::::::::::18459
झालावाड-बारां:::::::::::::::::16027
झुंझुनूं::::::::::::::::::::::::::::::6632
जोधपुर::::::::::::::::::::::::::::::10591
करौली-धौलपुर::::::::::::::::::7460
कोटा::::::::::::::::::::::::::::::10261
नागौर::::::::::::::::::::::::::::::8771
पाली::::::::::::::::::::::::::::::13853
राजसमंद::::::::::::::::::::::::12411
सीकर::::::::::::::::::::::::::::::7246
टोंक::::::::::::::::::::::::::::::8177
उदयपुर::::::::::::::::::::::::::::::22948
निर्वाचन विभाग के आंकडों पर नजर डाले तो कुछ सीटों पर प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों को छोडकर निर्दलीय प्रत्याशियों को मिले कुल वोटों से ज्यादा नोटा को वोट मिले.कुछ लोकसभा सीटों पर ताल ठोंक रहे छोटे दलों के उम्मीदवारों और निर्दलीय प्रत्याशी न केवल नोटा से हारे, बल्कि उनकी जमानत भी जब्त हो गई.
कई बार प्रत्याशियों के साथ ही दलों को लेकर नाराजगी की वजह से मतदाता नोटा का प्रयोग करते हैं. नोटा यानी उपयुर्क्त में से कोई नहीं. मतदाता यदि किसी भी उम्मीदवार को वोट नहीं करना चाहता, लेकिन अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहता है तो वह नोटा में वोट डाल सकता है.
देश में नोटा की शुरूआत 27 सितम्बर 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर हुई थी.इसके तहत पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य के बीच मामला हुआ.इसके तहत मतदाता को किसी भी उम्मीदवार को वोट ना देने का अधिकार है.ऐसे में उम्मीदवारों को छोड़ कोई भी नोटा बटन दबा सकता है.
बहरहाल, देश में इंदौर लोकसभा सीट नोटा को लेकर चर्चाओ में रहीं यहां सबसे ज्यादा 2.18 लाख वोट नोटा में पडे,लेकिन राजस्थान में 25 सीटों पर 2.79 लाख यानि की 3.62 प्रतिशत मतदाताओं ने कोई भी प्रत्याशी पसंद नहीं आया.मतदाता ने लोकतंत्र के उत्सव में अपनी भागीदारी तो निभाई लेकिन नोटा पर बटन दबाकर.यानि की नोटा ने भी इस बार लोकसभा चुनाव खूब लडा.
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