chandipura virus symptoms: गुजरात में 6 बच्चों की मौत के जिम्मेदार चांदीपुरा वायरस की राजस्थान में एंट्री,जानिए क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय
chandipura virus symptoms: गुजरात में 6 बच्चों की मौत के जिम्मेदार चांदीपुरा वायरस की राजस्थान में एंट्री हो गई है. जानिए इस वायरस के क्या लक्षण हैं और बचाव के उपाय क्या हैं.
chandipura virus symptoms and prevention: राजस्थान के कुछ इलाकों में चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. इसके अलावा चांदीपुरा वायरस गुजरात के भी कुछ इलाकों में पांव पसार रहा है. चांदीपुरा वायरस से सोमवार को गुजरात के हिम्मतनगर अस्पताल में छह बच्चों की मौत हो गई. इसके अलावा राजस्थान में भी 2 बच्चों में वायरस के लक्षण पाए गए. जिसमें से एक की मौत हो गई.
राजस्थान के उदयपुर के आदिवासी अंचल में चांदीपुरा वायरस की एंट्री होने के बाद चिकित्सा महकमा पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. सीएमएचओ डॉक्टर शंकर बामनिया ने आज जिला कलेक्टर से मुलाकात कर बीते दो दिनों में आदिवासी इलाकों में की गई स्क्रीनिंग के बारे में जानकारी दी.
डॉ बामनिया ने बताया कि गुजरात से सटे सभी ब्लॉक में विभाग की टीमों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. स्कूल में आने वाले बच्चों के साथ घर-घर जाकर चिकित्सा विभाग की टीम बच्चों की स्क्रीनिंग का काम कर रही है. वहीं जिन गांवों में चांदीपुरा वायरस से संक्रमित बच्चे मिले हैं, वहां पर चिकित्सा विभाग की टीमों को तैनात कर रखा है. बामनिया ने कहा कि हाल की अभी तक दोनों के सेम्पल पुणे लैब में भेजे गए है. रिपोर्ट आने के बाद ही चांदीपुरा वायरस होने की पुष्टि हो पाएगी.
क्या हैं चांदीपुरा वायरस के लक्षण
ये वायरस ज्यादातर बरसात में कहर मचाता है और मक्खी या मच्छर से ये वायरस तेजी से फैलता है.
9 महीने से लेकर 14 साल की उम्र के बच्चों में यह वायरस पाया जा सकता है.
चांदीपुरा वायरस के प्रभाव से तेज बुखार, दौरे पड़ना, दस्त, दिमाग में सूजन, उल्टी की शिकायत होती है. जिससे की मौत भी हो सकती है.
डॉक्टर्स की माने तो अगर समय रहते इलाज नहीं किया गया तो इस वायरस से संक्रमित बच्चे लक्षण दिखने के 48-72 घंटों के भीतर मर सकते हैं.
क्या हैं चांदीपुरा वायरस से बचने के उपाय
घर के आस-पास गंदा पानी नहीं जमा होने दें ऐसा करने पर मच्छर पैदा नहीं होंगे.
मच्छर मक्खी से बचाव के लिए मच्छरदानी लगाकर सोएं.
स्किन को ढकने वाले कपड़े पहनें.
बच्चों को नियमित रूप से टीकाकरण करवाएं
पौष्टिक आहर लें बाहर का जंक फूड खाने से बचें
साथ ही लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.