रिफाइनरी का 51 प्रतिशत कार्य पूरा, अब तक 18936 करोड़ खर्च, मार्च 24 तक काम पूरा
राजस्थान की रिफाइनरी का 51% काम पूरा हो चुका है. रिफाइनरी पर अब तक 18936 करोड़ खर्च हो चुके हैं. एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी की सभी 13 मैकेनिकल इकाइयों का संपूर्ण कार्य मार्च, 24 तक पूरा करने का रोडमैप बनाया गया है.
Jaipur: अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस और पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को राजस्थान रिफाइनरी की उच्च स्तरीय बैठक हुई. बैठक में एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी व राज्य सरकार के उच्च अधिकारी उपस्थित थे. अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राजस्थान रिफाइनरी राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है और इससे राजस्थान की इकोनोमिक तस्वीर ही बदल जाएगी. रिफाइनरी के अधिकारियों ने विश्वास दिलाया है कि रिफाइनरी की 13 में से 4 का जून, 23 व 3 मैकेनिकल इकाइयों का कार्य सितंबर 23 तक पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि क्रूड डिस्टीलेशन यूनिट, डीसीयू, डीजल हाइड्रो ट्रिटिंग यूनिट, हाईड्रोजन जेनरेशन यूनिट,डुअल फीड क्रेकर यूनिट, पेट्रोकेमिकल फ्लूडाइज्ड केटेलिटिक क्रेकिंग यूनिट, और वेक्यूम गैस ऑयल हाइड्रो ट्रिटिंग यूनिट का कार्य सितंबर 23 तक पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि रिफाइनरी का कार्य पूरी गति से चल रहा है और 51 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है. रिफाइनरी से जुड़े विभिन्न कार्यों में इस समय 17749 मानव संसाधन कार्यरत हैं. वहीं, अब तक 18936 करोड़ व्यय हो चुके हैं वहीं हजारों करोड़ के वर्क आर्डर दिए जा चुके हैं.
डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि रिफाइनरी क्षेत्र में आवश्यक आधारभूत सुविधाएं यथा अस्पताल, स्कूल, रोड, प्लांटेशन व इसी तरह के अन्य कार्य भी प्रस्तावित है जिससे क्षेत्रवासियों को बेहतर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सकेगी. उन्होंने रिफाइनरी के अधिकारियों को कहा कि गुणवत्ता पर बल देते हुए रिफाइनरी का कार्य तय समय सीमा में पूरा किया जाए.
एसपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी के निदेशक विनोद एस शेनॉय बताया कि कोविड के कारण रिफाइनरी के कार्य को तय समय सीमा में पूरा करने में बाधा अवश्य आई पर अब सभी बड़े इकाई कार्य 31 मार्च, 2024 तक पूरे कर लिए जाएंगे. रिफाइनरी से करीब 35 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलने के साथ ही मल्टीफोल्ड रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे व पश्चि मी राजस्थान के आर्थिक विकास के नए द्वार खुल जाएंगे.
रिफाइनरी के काम का इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि विश्व की सबसे उंची बिल्डिंग बुर्ज खलिफा से पांच गुणा अधिक कंक्रिट का उपयोग होगा वहीं एफिल टॉवर से 40 टाइम अधिक स्टील का उपयोग किया जाएगा. बैठक में रिफाइनरी के अधिकारियों ने प्रजेटेशन के माध्यम से विस्तार से परियोजना प्रगति की जानकारी दी.
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