Jaipur: पैरा ओलंपिक (Tokyo Para Olympics) का आयोजन इस बार 24 अगस्त से 5 सितम्बर तक होने जा रहा है. इसमें राजस्थान से 6 खिलाड़ी हिस्सा लेने जा रहे हैं. राज्य के देवेंद्र झाझड़िया (Devendra Jhajharia), सुंदर गुर्जर (Sundar Gujjar), संदीप चौधरी (जेवेलियन), कृष्णा नगर (बैडमिंटन), अवनी लेखरा (शूटिंग) और श्याम सुंदर (तीरंदाजी) में देश को मेडल दिलाने के लिए उतरेंगे. 
इन खिलाड़ियों में देवेंद्र झाझड़िया ऐसे एक मात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पहले भी पैरालंपिक में दो गोल्ड मेडल जीतकर देश का ही नहीं, राजस्थान का भी नाम रोशन किया है.

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देवेंद्र झाझड़िया पहले भी कर चुके हैं कमाल
राजस्थान के पैरा एथलीट (Para athlete) देवेंद्र झाझड़िया ने टोक्यो पैरा ओलंपिक में रिकॉर्ड के साथ क्वालिफाई किया है. देवेंद्र ने अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़कर पैरा ओलंपिक का टिकट हासिल किया है. देवेंद्र इससे पहले भी देश के लिए पैरालंपिक में दो बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, उन्होंने वर्ष 2004 पैरालंपिक एथेंस में पहला स्वर्ण पदक जीता था, जबकि वर्ष 2016 रियो डी जेनेरियो में आयोजित ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक (Gold medal) अपने नाम किया था. इसके अलावा उन्हें खेल रत्न, पद्मश्री (Padma Shri) और अर्जुन अवॉर्ड (Arjun Award) से भी नवाजा गया है.

सुंदर गुर्जर से भी देश को ओलंपिक में पदक की उम्मीद
राजस्थान के पैरालंपिक खिलाड़ी (एथलीट) सुंदर गुर्जर ने भी टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया है. 2016 में एक एक्सीडेंट में अपना हाथ गंवाने वाले सुंदर गुर्जर से भी देश को ओलंपिक में पदक की उम्मीद है. सुंदर ने लंदन (London) में हुए ऑफ वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा था, और एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) भी बनाया था. इसके अलावा वर्ष 2018 में एशियन गेम्स (Asian games) में सिल्वर मेडल और ब्रोंज मेडल भी अपने नाम कर चुके हैं. सुंदर गुर्जर को अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.

अवनी का सपना क्या है
पूरे देश में गोल्ड गर्ल के नाम से पहचान बनाने वाली जयपुर की उभरती हुई शूटर अवनी लेखरा (Avani lekhra) ने भी इस बार टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया है. साल 2012 में हुए एक एक्सीडेंट (accident) में अवनी के कमर से नीचे के हिस्से ने काम करना बंद कर दिया है. पढ़ाई में अव्वल रहने वाली अवनी ने अपनी कमजोरी को अपने हौसलों के आड़े नहीं आने दिया और शूटिंग को अपने जीवन का हिस्सा बनाया. अवनी का सपना है कि पैरालंपिक (Paralympic) में गोल्ड मेडल जीतकर वे देश का नाम रोशन करें. इससे पहले विश्व पैरा खेल निशानेबाजी विश्व कप में अवनी ने रजत पदक (silver medal) जीतकर इतिहास रचा था. अवनी लेखरा से इस साल ओलंपिक में गोल्ड मैडल की पूरी उम्मीद जताई जा रही है.

देश के लिए मेडल जीतना है नागर का लक्ष्य
दुनिया के नंबर दो पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्णा नागर ने टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया है. 21 वर्षीय नागर ने बैडमिंटन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट (badminton international tournament) में देश के लिए दो स्वर्ण पदक जीतते हुए टोक्यो पैरा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया. नागर का लक्ष्य टोक्यो पैरालंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है.

आजीविका चलाने के लिए श्याम सुंदर ठेले पर सब्जियां तक बेचा करते थे
बीकानेर के रहने वाले श्याम सुंदर (Shyam Sunder) राजस्थान के पहले पैरा तीरंदाज (para archer) है. साधारण परिवार से आने वाले श्याम सुंदर आजीविका चलाने के लिए कई बार पिता के साथ ठेले पर सब्जियां तक बेचा करते थे. बचपन से ही श्याम को तीरंदाजी का शौक था. खास बात यह भी है कि राजस्थान के इस युवा तीरंदाज ने सबसे पहले पैरा ओलंपिक टूर्नामेंट के लिए टिकट कटवाया था, वहीं नीदरलैंड में आयोजित पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने 9वीं  रैंक हासिल की और जकार्ता में आयोजित एशियन गेम्स और दुबई में आयोजित फाजा इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भी देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं.

संदीप चौधरी पहले भी जीत चुके हैं पदक 
राजस्थान के एथलीट संदीप चौधरी (Sandeep Choudhary) ने भी टोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई किया है. एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर संदीप चौधरी ने पैरा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है. संदीप राजस्थान के झुंझुनू जिले के रहने वाले हैं और दुबई में आयोजित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.