Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से रीको फ्लाईओवर के बीच बनी सड़क पर करीब सात किलोमीटर के दायरे में हुए अतिक्रमण के मामले में राज्य सरकार को पालना के लिए तीन माह का समय दिया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश बाबूलाल शर्मा की पीआईएल पर दिए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में न्यू सांगानेर रोड पर मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से रीको फ्लाईओवर के बीच के अतिक्रमणों को चिन्हित कर लिया है. इस रोड पर करीब सात किमी दूरी में 691 अतिक्रमण हैं.


अतिक्रमियों को नोटिस दिए जा चुके हैं और कई अतिक्रमियों ने अपनी आपत्तियां भी पेश की है. फिलहाल अतिक्रमियों का पक्ष सुना जा रहा है. ऐसे में आदेश की पालना के लिए तीन माह का समय दिया जाए. वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने राज्य सरकार को समय देने का विरोध करते हुए कहा कि दिसंबर में ही अतिक्रमणों के सर्वे की कार्रवाई पूरी हो गई थी.


यह भी पढ़ें-सीएम गहलोत के सलाहकार ने 'उदयपुर घटना' को लेकर इंटेलिजेंस पर उठाए सवाल


राज्य सरकार ने लंबे समय से हाईकोर्ट के आदेश की पालना नहीं की है. इसलिए अब राज्य सरकार को समय देने की बजाय अदालत आदेश की पालना करवाए. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर राज्य सरकार को तीन महीने का समय दिया है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने न्यू सांगानेर रोड पर मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से रीको फ्लाईओवर के बीच बनी 200 फीट की रोड पर करीब सात किमी के दायरे में हुए अतिक्रमण मामले में जुलाई 2021 में जेडीए को निर्देश दिया था कि वह एक महीने में इस रोड के सभी अतिक्रमणों को चिन्हित करें और उसके तीन महीने में अभियान चलाकर अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई करें. इसके बाद नवंबर 2021 में भी हाईकोर्ट ने अपने पूर्व में दिए गए फैसले में भी दखल से इंकार करते हुए न्यू सांगानेर रोड व्यापार मंडल मानसरोवर व अन्य की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी.


Reporter- Mahesh Pareek