जेजेएम घोटाले के मास्टरमाइंड की स्पेशल ऑडिट कराएगी ACB,एजी दफ्तर से मांगे अकाउंटेंट
जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार को लेकर अब एंटी करप्शन ब्यूरो स्पेशल ऑडिट करेगी.सूत्रों की माने तो एसीबी ने एजी दफ्तर को खत लिखकर अकाउंटेंट मांगे है.वैसे भजनलाल सरकार ने आते ही जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर काम कर रही है.अब घोटालों को लेकर एसीबी की जांच में और बड़े खुलासे होंगे. जीरो ट
Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार को लेकर अब एंटी करप्शन ब्यूरो स्पेशल ऑडिट करेगी.सूत्रों की माने तो एसीबी ने एजी दफ्तर को खत लिखकर अकाउंटेंट मांगे है.वैसे भजनलाल सरकार ने आते ही जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर काम कर रही है.अब घोटालों को लेकर एसीबी की जांच में और बड़े खुलासे होंगे.
जीरो टॉलरेंस मोड पर भजनलाल सरकार
भजनलाल सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर एक्शन में आई गई है.एंटी करप्शन ब्यूरो जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार की जड़े खोलेगी.जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार के मास्टरमाइंड ठेकेदार पदमचंद केस में अब एसीबी स्पेशल ऑडिट करेगी.विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि एंटी करप्शन मुख्यालय ने एजी दफ्तर को खत लिखकर ऑडिट के लिए अकाउंटेंट मांगे है.पदमचंद जैन,महेश मित्तल ने जल जीवन मिशन में 900 करोड़ का भ्रष्टाचार किया था.फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से करोड़ों के टैंडर हासिल किए थे.अब जल्द ही एसीबी पूरे मामले में जांच शुरू करेगी.
ये है पूरा मामला
एसीबी ने अगस्त में जल जीवन मिशन में रिश्वत लेन-देन के मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.रिश्वत देने वाले फर्म मालिक पदमचंद जैन पर फर्जी प्रमाण पत्र के आरोप लगे थे,जिसके बाद जलदाय विभाग ने कमेटी गठित कर जांच बैठाई.इसी बीच एसीबी ने ठेकेदार को रिश्वत देते दबोचा गया था.इसके अलावा एसीबी ने बकाया बिलों की एवज में बहरोड एक्सईएन मायालाल सैनी,जेईएन प्रदीप,सुपरवाईजर मलकेत सिंह,प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया था.लेकिन पदमचंद जैन का साला महेश मित्तल अब तक फरार ही चल रहा है.एसीबी ने 2.20 लाख की रिश्वत की राशि पोलोविक्ट्री होटल और गाडी से 2.90 लाख की राशि बरामद की थी.
सबसे अहम कडी मेजरमेंट बुक
पदमचंद के ठिकानों से एसीबी ने कई टैंडर की मेजरमेंट बुक बरामद की थी.मेज़रमेंट बुक (MB) किसी भी विभाग या निर्माण स्थल की एजेंसी द्वारा उपयोग की जाने वाली बुक होती है. जिसमें ठेकेदार द्वारा किए गए कार्य की मात्रा को तिथि के साथ रिकॉर्ड की जाती है.
मेजरमेंट बुक का उपयोग आमतौर पर जूनियर इंजीनियर या सहायक अभियंता द्वारा किया जाता है,जिन पर प्रोजेक्ट या साइट की जिम्मेदार होती है. माप ठेकेदार की उपस्थिति में होती है और अभियंता द्वारा काउंटरसाइंड किया जाता है. एमबी में दर्ज माप के आधार पर ठेकेदार को भुगतान किया जाता है.ये एमबी सरकारी दफ्तर में ही रिकार्ड के लिए रखा जाता है.लेकिन कई टेंडर की एमबी पदमचंद के ठिकानों पर मिली थी,जिसकी एसीबी अब भुगतान को लेकर अकाउंटेंट के सहयोग से जांच करेगी.