कोयला संकट के बाद सरकार को याद आई, रिन्यूएबल एनर्जी
बैठक में रिन्यूएबल एनर्जी को राज्य में बढ़ावा देने की दिशा में कार्य के दौरान आ रही समस्याओं, सरकार की नई पॉलिसी निर्धारण से लेकर अन्य सुझावों पर मंथन किया गया.
Jaipur: कोयले के कमी के कारण राजस्थान में लगातार गहरा रहें बिजली संकट के बाद, राजस्थान के ऊर्जा विभाग को प्राकृतिक तरीके से मिलने वाली रिन्यूएबल एनर्जी की याद आने लगी है. राजधानी जयपुर के विधुत भवन में आज रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में राज्य में कार्य कर रही स्टेक हॉल्डर्स की समस्याओं और नए सुझावों को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई. सरकार की ओर बुलाई गई इस बैठक में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में काम कर रही देश की नामी 20 कम्पनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहें. बैठक में रिन्यूएबल एनर्जी को राज्य में बढ़ावा देने की दिशा में कार्य के दौरान आ रही समस्याओं, सरकार की नई पॉलिसी निर्धारण से लेकर अन्य सुझावों पर मंथन किया गया.
बैठक में ऊर्जा सचिव भास्कर ए सांवत, राजस्थान विधुत प्रसारण निगम के एमडी टी.रविकांत, RRECLके एमडी अनिल ढाका समेत ऊर्जा विभाग के आला अधिकारी और राजस्थान सोलर एसोसिय़ेशन, इंडियन विंड पावर एसोसियेशन और राजस्थान बायोमास पावर डवलपर एसोसिएशन के पदाधिकारी भी मौजूद रहें.
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