जयपुर समेत प्रदेशभर में वायु प्रदूषण मुख्य समस्या, राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल करेगा पहल
प्रदेशभर में वायु प्रदूषण एक मुख्य समस्या है. इस पर रोकथाम लगाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल तमाम राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण मंडलों से प्रदूषण को दूषित करने वाले कारकों पर रोक लगाने के लिए रिपोर्ट तलब करने के साथ ही नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है.
Jaipur: जयपुर समेत प्रदेशभर में वायु प्रदूषण एक मुख्य समस्या है. इस पर रोकथाम लगाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल तमाम राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण मंडलों से प्रदूषण को दूषित करने वाले कारकों पर रोक लगाने के लिए रिपोर्ट तलब करने के साथ ही नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है.
स्वच्छ वायु कार्यक्रम एवं ठोस कचरा प्रबंधन के तहत संचालित योजनाओं व कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल वायु प्रदूषण को लेकर दोनों नगर निगम, जेडीए, जिला प्रशासन से सकारात्मक गतिविधियों को अपनाने पर जोर देगा. इसके साथ ही जगह-जगह होर्डिंग्स आदि के जरिए आमजन को प्रदूषण के फैलने वाले तत्वों के बारे में जागरूक करने के लिए समन्वय स्थापित करेगा.
मंडल की चेयरपर्सन वीनू गुप्ता ने कहा कि हरियाली को बढ़ावा देने के साथ ही अन्य नवाचार जिलों में किए जाएंगे. जगह-जगह भीड़भाड़ या प्रदूषण वाली जगहों पर पौधे लगाने के साथ ही जागरूकता फैलाई जाएगी ताकि दिल्ली-एनसीआर जैसी स्थिति प्रदेश में न हो. सड़कों के मरम्मत कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करने पर जेडीए, निगम के अधिकारियों से चर्चा की गई. इससे धूल के कण जैसी समस्या से निजात मिल सके. कोरोना के मामले कम होने के साथ ही पूरे अभियान को शुरू किया जाएगा, इसके साथ ही वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर के सुधार के लिए साप्ताहिक, मासिक, वार्षिक तुलनात्मक आकंलन करने, मरम्मत की जा रही सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा. हालांकि शहर में हाल ही स्मोक एयर गन निगम के बेड़े में भी शामिल की गई है.
इनका भी बढ़ेगा दायर
प्रदेश में सात शहरों में आठ जगहों पर ही वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर जांचने के लिए स्टेशन हैं. इस साल के मध्य तकराज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ओर से 60 करोड़ रुपये की लागत से 36 स्टेशन विभिन्न शहरों में लगाए जाएंगे. इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है. इसके वायु गुणवत्ता सूचकांक की रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी. मंडल के वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉ. विजय सिंघल ने बताया कि वर्तमान समय में राजधानी जयपुर में तीन स्टेशनों के जरिए वायु गुणवत्ता सूचकांक की मॉनिटरिंग की जा रही है. वहीं इसके बाद जयपुर में छह जगहों पर, भिवाड़ी में दो जगहों पर, जोधपुर में चार जगहों पर सहित अन्य जगहों पर दो से तीन स्टेशन स्थापित किए जाएंगे.