Akshaya Tritiya 2023: हिंदू धर्म (Hindu Dharm) में वैशाख शुक्ल पक्ष (Vaishakh Shukla Paksha) की तृतीया (Tritiya) का खास महत्व माना गया है. इसकी वजह ये है किइस तिथि को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का त्योहार मनाया जाता है. इस बार अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का त्योहार 22 अप्रैल यानी आज शनिवार को मनाया जा रहा है. पौराणिक ग्रंथों (Pauranik Granth) के मुताबिक, इस दिन किए गए शुभ और धार्मिक कार्यों (religious functions) के कभी ना नष्ट होने वाले फल मिलते हैं. इस दिन सूर्य (Sun) और चंद्रमा (Moon) दोनों ही अपनी उच्च राशि वृषभ ( TaurusZodiac) में होते हैं. जिसकी वजह से दोनों की सम्मिलित कृपा का फल कभी ना नष्ट होने वाला हो जाता है. 


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हिंदी धर्म में ऐसी मान्यता है कि इस दिन परशुराम (Parshuram), नर-नारायण (Nar-Narayan), हयग्रीव (Hayagriva) का अवतार हुआ था. बताया जाता है कि इसी दिन से बद्रीनाथ के कपाट (Badrinath Ke Kapat) भी खुलते हैं. इसी दिन वृंदावन धाम (Vrindavan Dham) में भगवान बांके बिहारी (Banke Bihari) के चरणों के दर्शन होते हैं. इस दिन सोना खरीदने और सबसे शुभ माने जाने की मन्यता है. जानकारों का मानना है कि अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर 125 सालों बाद आज पंचग्रही योग (Panchagrahi Yoga) भी बनने वाला है. 


ये है अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2023 Shubh Muhurat)


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) की तिथि आज यानी (22 अप्रैल  2023) को सुबह 07:49 से शुरू हो रही है. इसका समापन 23 अप्रैल सुबह 07:47 मिनच पर होगा. वहीं अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का पूजन मुहूर्त (Poojan Muhurt) आज सुबह 07:49 से दोपहर 12:20 तक रहेगा. इस तरह पूजा का कुल ड्यूरेश 4 घंटे 31 मिनट रहेगा.  


अक्षय तृतीया में सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya 2023 shopping Shubh Muhurat) 


अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर सोना (Gold )ख़रीदने का समय 22 अप्रैल यानी आज प्रात: 07:49 से शुरू होकर 23 अप्रैल प्रात:05:48 तक रहेगी. 


जानिए अक्षय तृतीया की पूजन विधि (Akshaya Tritiya 2023 Pujan Vidhi)


अक्षय तृतीया को सुबह स्नानादि करके पीले वस्त्र (yellow clothes) पहनें. अपने घर के मंदिर में विष्णु भगवान (Vishnu Bhagwan) को गंगाजल (gangajal) से शुद्ध करके तुलसी (Tulsi), पीले फूलों (yellow flowers) की माला या फिर पीले फूल चढ़ाएं. इसके बाद ज्योत जलाकर पीत आसन पर बैठें और भगवान विष्णु जी से सम्बंधित पाठ कर बाद में विष्णुजी की आरती करें.