Corona Alert: राजस्थान में मौसमी बीमारियों के साथ ही अब कोरोना एक बार फिर तेजी से एक्टिव हो चुका है. बरसाती मौसम के बीच राजस्थान में बुखार, पेट दर्द, मलेरिया, डेंगू और स्वाइन फ्लू के मामले तो बढ़ ही रहे हैं लेकिन पिछले एक सप्ताह में प्रदेश में कोरोना के आंकड़े ने भी चिंता बढ़ा कर रखी है. अब अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हम कितने तैयार हैं. 


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राजस्थान में कोरोना संक्रमण का दायरा हर दिन बढ़ रहा है. पिछले कुछ दिनों में अस्पताल में एकाएक कोविड-19 संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. कुछ मरीजों में सिटी स्कोर 18 से 20 तक देखने को मिल रहा है. जबकि कुछ मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है. जो जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं. ऐसे मरीजों के दोनों फेफड़े खराब हो चुके हैं. डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि कुछ समय पहले अस्पताल में सिर्फ 12 से 13 कोरोना संक्रमित रोगी भर्ती थे. लेकिन मौजूदा समय में ट्रेंड एकाएक बदल गया. पिछले 15 दिनों में इनका आंकड़ा दोगुना हो चुका है.


मानसून की बारिश के बीच मौसमी बीमारियां भी प्रदेश में बढ़ चुकी हैं. अस्पतालों की ओपीडी में अब ऐसे मरीजों की संख्या ज्यादा है जिन्हें किसी ना किसी तरह की मौसमी बीमारी है. इसी बीच राज्य में तेजी से कोरोना का संक्रमण भी फैल रहा है. प्रदेश में अगस्त माह के शुरूआती 9 दिन की बात करें तो महज 9 दिनों में राज्य में कोरोना के 4 हजार 117 केस दर्ज किए जा चुके हैं. चिंता की बात यह है कि कोरोना संक्रमित मरीजों की अब मौत भी हो रही है. पिछले 9 दिनों में राज्य में 8 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत दर्ज की जा चुकी है.


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इन जिलों में कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस -


शहर एक्टिव केस
जयपुर 1400 
उदयपुर 275 
अलवर  464
जोधपुर  233 
अजमेर  202 
दौसा  200 
राजसमंद  138 
सिरोही  123 

 

मौसम में बदलाव आने के साथ ही प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में अचानक बढ़ोतरी होने लगी है. जहां 15 दिन पहले प्रदेश में संक्रमण के मामले 200 से 300 की संख्या में देखने को मिल रही थी. अब यह संख्या बढ़कर 600 तक पहुंच गई है. यानी बीते 15 दिन में संक्रमण के मामले अचानक दोगुने हो गए और कुछ मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है. चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण और बढ़ती मौसमी बीमारियों के सिलसिले में विभाग के अधिकारियों की बैठक ली और निर्देश दिए कि कोरोना से जुड़ी सैम्पलिंग अधिक से अधिक किए जाए. पिछले कुछ दिनों का ट्रेंड देखा जाए. तो संक्रमण के मामले एकाएक बढ़ चुके हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 4 दिनों में 2000 से अधिक संक्रमण के मामले आ चुके हैं. हर दिन औसतन 500 से 600 नए मरीज सामने आ रहे हैं.


वहीं सैम्पलिंग की बात करें, तो 2 से 3 हजार सैंपल हर रोज प्रदेश में लिए जा रहे हैं. यानी प्रदेश में हर पांचवा व्यक्ति संक्रमण की चपेट में है. ऐसे में चिकित्सकों ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण को लेकर जो गाइडलाइन जारी की गई है. उसकी पालना नहीं की गई तो आने वाले दिनों में हालात भयावह हो सकते हैं. मामले को लेकर आरयूएचएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अजीत सिंह का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर में जो आरयूएचएस अस्पताल में इलाज से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया था, उसे एक बार फिर तैयार कर दिया गया है और निरीक्षण किए जा रहे हैं कि कहीं कोई कमी या खामी तो नहीं है.


कोरोना स्ट्रेन की जाँच के लिए राजस्थान में अब तक करीब 9 हजार सैंपल की जिनोम सीक्वेंसिंग की जा चुकी है. जिनमें करीब 6500 स्ट्रेन ओमिक्रोन B.A.2 के मामले सामने आए है. जबकि 1200 से अधिक स्ट्रेन ओमिक्रोन B.A.1 के मामले सामने आए हैं. डॉ सिंह का कहना है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद आरयूएचएस अस्पताल में व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. अस्पताल में एक आईसीयू और एक वार्ड डेडीकेटेड कोविड-19 मरीजों के लिए संचालित किया जा रहा है. यदि इससे अधिक मरीज सामने आते हैं. तो अन्य आईसीयू और वार्ड भी खोल दिए जाएंगे.


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