Alexander Graham Bell Fact story: जानें ग्राहम बेल के बारे में रोचक तथ्य, टेलीफोन के पेटेंट के लिए जाना पड़ा था कोर्ट
Alexander Graham Bell Fact story: अमेरिकी अविष्कारक 29 साल के ग्राहम बेल ने 7 मार्च 1876 को टेलीफोन का पेटेंट करवाया था. हालांकि, इसके लिए उन्हें लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. उनकी मां आरल पत्नी को सुनने में परेशानी थी. मां के लिए सुनने की मशीन बनाने के दौरान बेल ने टेलीफोन (Telephone) का अविष्कार कर दिया था.
Alexander Graham Bell Fact story: अलेक्जेंडर ग्राहम बेल को टेलीफोन के आविष्कार में उनके योगदान के लिए जाना जाता है. उनका जन्म 3 मार्च 1847 को स्कॉटलैंड में हुआ था और वे अपने परिवार के साथ कनाडा चले गए थे. उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय श्रवण बाधित लोगों के लिए श्रवण यंत्रों के विकास में योगदान देने में बिताया ताकि वे बेहतर संवाद कर सकें. टेलीफोन के आविष्कार से लेकर इनके परिवार की कहानी काफी रोचक है. ग्राहम बेल की मां और उनकी पत्नी दोनों बहरेपन की शिकार थी. इसलिए बेल ने अपने जीवन के अधिकांश समय बधिर लोगों के लिए समर्पित कर दिया.
ऐसे शुरू हुआ फोन पर 'हेलो' बोलने का चलन
29 साल के ग्राहम बेल ने 7 मार्च 1876 को टेलीफोन का पेटेंट करवाया था. टेलीफोन के पेटेंट को दुनिया के सबसे ज्यादा विवादास्पद पेटेंट्स में नाम दर्ज है. बेल ने टेलीफोन के आविष्कार की घोषणा की तो 600 से ज्यादा लोगों ने इसके ऊपर दावा ठोक दिया था.इतना ही नहीं इनके खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट तक गए लेकिन आखिरकार बेल को जीत मिली.
जानें अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के बारे में कई रोचक तथ्य
ग्राहम बेल को टेलीफोन का आविष्कार करने और 1877 में बेल टेलीफोन कंपनी की स्थापना के लिए जाना जाता है.
बेहद दिलचस्प बात है कि बेल का नाम उनके नाना के नाम पर रखा गया था.बेल के पिता और दादा इंग्लैंड में स्पीच डेवलपमेंट के क्षेत्र में काम करने के लिए जाना गया जिसे एलोक्यूशन कहा जाता था.
ग्राहम बेल बचपनव से ही प्रतिभावान था. महज 12 साल की उम्र में बेल ने अपने दोस्त की अनाज मिल के लिए डी-हॉकिंग मशीन का आविष्कार किया था.
बेल की मां और पत्नी दोनों जन्मजात बहरेपन की शिकार थी. इस कारण ने उन्हें ध्वनिकी के साथ काम करने और तारों पर ध्वनि तरंगों को प्रसारित करने के लिए प्रभावित किया.
टेलीफोन पर बात शुरू होते ही हेलो बोलने के चलन को लेकर एक कहानी प्रचलित है. कहा जाता है कि बेल की गर्लफ्रेंड का नाम मारग्रेट हेलो था. यह बात बिल्कुल झूठी है. इनकी पत्नी का नाम मैबेल हब्बर्ड था.
ग्राहम बेल ने अपनी पहली कॉल में अपने असिस्टेंट से हेलो नहीं,बल्कि Come-here. I want to see you.'कहा था. माना जाता है कि बेल टेलीफोन पर बात करते वक्त अहो (Ahoy) का इस्तेमाल करते थे. हेलो शब्द स्पैनिश के होला से बना है.
1890 के दशक में बेल ने अपना ध्यान एविएशन सेक्टर के प्रयोग करने के लिए लगाया.
1903 में राइट ब्रदर्स द्वारा पहली सफल संचालित नियंत्रित उड़ान के बाद भी उन्होंने अपना एक्सपेरिमेंट जारी रखा. बेल की रुचि अधिक वायुगतिकीय पंख (aerodynamic wings) और प्रोपेलर ब्लेड विकसित करने में थी.
1907 में उन्होंने एविएशन में और नवाचार करने के लिए एरियल एक्सपेरिमेंट एसोसिएशन की स्थापना की.
ग्राहम बेल ने 1880 में फोटोफोन नाम की एक डिवाइस बनाई.ये तकनीक प्रकाश की किरणों के माध्यम से आवाज को एक से दूसरी जगह भेजती थी. फोटोफोन को लेकर लोगों ने ज्यादा उत्सुकता नहीं दिखाई थी. आज की ऑप्टिकल फाइबर केबिल ग्राहम बेल के सिद्धांतों पर काम करती है.
गोली लगने पर लोगों की जान बचाने के लिए बेल ने एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक मशीन ‘इंडक्शन बैलेंस’ बनाई. इस मशीन से उन्होंने कई पूर्व सैनिकों के जिस्म में छिपी गोलियों की सही लोकेशन पता लगाई.
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल का 2 अगस्त, 1922 को कनाडा के नोवा स्कोटिया में निधन हुआ तब एक मिनट के लिए अमेरिका और कनाडा में सभी टेलीफोन लाइन को निलंबित कर दिया गया.
ग्राहम बेल के जीवन से जुड़ी एक और रोचक कहानी है, जिस पर बॉलीवुड फिल्म भी बनाई जा चुकी है. ग्राहम बेल ने एक अंधी और गूंगी-बहरी लड़की हेलन केलर (Helen Keller) को उसकी टीचर ऐनी सुलिवन (Anne Sullivan) से मिलवाया था. दरअसल, केलर के पिता बेल के बारे में सुनकर उनसे मदद मांगने के लिए उनके घर पहुंच गए थे. इस पर बेल ने केलर को सुलिवन के पास भेज दिया था. इसके बाद सुलिवन ने केलर को ट्रेनिंग दी. हेलन केलर ने अपनी आत्मकथा एलेक्जेंडर ग्राहम बेल को डेडीकेट की है. अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी की फिल्म ब्लैक हेलेन केलर के जीवन पर बनाई गई है.