Alwar: मूक बधिर प्रकरण में जहां एक ओर पीड़िता के पिता ने प्रशासन पर मामले को दुर्घटना बताने के दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं. पिता ने बताया प्रशासन द्वारा 10-20 लाख, प्लाट और दो बीगा जमीन का उन्हें प्रलोभन दिया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं दूसरी और पीड़िता के कपड़ों पर सीमन मिलने की खबर पर जानकारी मिल रही है, पीड़िता के कपड़ों पर मिला सीमन पिता के डीएनए से मैच कर रहा है. घटना के 20 दिन बाद भी इस पूरे मामले पर पुलिस अभी तक स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं बता पा रही है.


अलवर में 11 जनवरी को मूक बधिर से हुई घटना मामले में बनाई गई सर्व समाज न्याय संघर्ष समिति के नेतृत्व में सोमवार को मालाखेड़ा गेट स्थित गुरुदारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें पीड़िता के पिता भी शामिल हुए. इस दौरान पिता ने पुलिस, प्रशासन और सरकार की अब तक की जांच से संतुष्ट नहीं होने की बात कही. इतना ही नहीं पीड़िता के पिता ने जिला कलेक्टर पर उन्हें दो बीघा जमीन देने का भी प्रलोभन दिया. उन्होंने आरोप  लगाया कि प्रशासन घटना को दुर्घटना बनाने का दबाव बना रहा है. पीड़िता के पिता के अनुसार उन्हें कलेक्टर ने कहा कि आप सरकार के साथ रहे, मदद मिलेगी. हालांकि इन सब बातों का जिला कलेक्टर ने खंडन किया है.


यह भी पढ़ें-17 लाख रुपये देकर युवक ने रचाई थी शादी, कुछ ही दिनों में भागी दुल्हन


इस पूरे मामले में पुलिस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है, पुलिस शुरुआती समय मे दुष्कर्म मानकर जांच करती रही लेकिन तीन दिन बाद मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि न होने पर इसे दुर्घटना के एंगिल से जांच की गई. पुलिस व एफएसएल टीम द्वारा की जा रही जांच लगभग पूरी हो चुकी है. पीड़िता के कपड़ो पर सीमन मिलने के मामले में भी पिता की डीएनए रिपोर्ट में पिता का सीमन होने की बात सामने आ रही है. सीमन पीड़िता के कपड़ों पर मिला, सीमन पीड़िता के शरीर पर कहीं नहीं मिला, सम्भवतः सीमन घर में महिलाओं द्वारा एक दूसरे के कपड़े पहनने या कोई अन्य कारण से भी लगना माना जा रहा लेकिन इस मामले में अलवर पुलिस कोई बयान नहीं दे रही है.


पुलिस द्वारा बार-बार बदले जा रहे बयानों से भी संशय की स्थिति बनी थी, इसलिए पुलिस भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है. गौरतलब है 11 जनवरी को अलवर में तिजारा फाटक पुलिया पर रात करीब 8 बजे एक मूक बधिर 15 वर्षीया बालिका गम्भीर रूप से घायल अवस्था मे पड़ी मिली थी, जिसे पुलिस ने प्रथम दृष्टया दुष्कर्म माना था. पूरे देश मे यह मामला दिल्ली की निर्भया कांड की तरह सुर्खियों में रहा लेकिन मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होने के बाद सरकार व पुलिस पर मामले को दबाने के भी आरोप लगे थे. अब पुलिस की थ्योरी में यह मामला दुर्घटना का बताया जा रहा है लेकिन परिजन इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे. सर्व समाज न्याय संघर्ष समिति द्वारा चल रहा धरना भी समाप्त कर अब सीबीआई की जांच शुरू करवाने के लिए भाजपा सांसदों पर दबाव डालना शुरू कर दिया है.


Reporter- Jugal Gandhi