Rajasthan: बीजेपी प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने बयान जारी किया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जादूगर यूं ही नहीं कहते हैं, अब जनता को गहलोत की जादूगरी दिखने भी लगी है. सरकार द्वारा मुफ्त बिजली देने के बड़े-बड़े वादे किए गए हैं.


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घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट से बढाकर 100 यूनिट फ़्री बिजली और किसानों को 2 हज़ार यूनिट बिजली फ़्री देने की बात कही गई है. लेकिन जब आम उपभोक्ताओं के हाथों में बिल पहुंचा तो वो अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. सरकार के सारे के सारे दावे झूठे निकले.


रामलाल शर्मा ने 2 उपभोक्ताओं के बिल दिखाते हुए कहा कि एक उपभोक्ताओं के क़ा बिल 1497 रुपये का आया. उसमें 235 रुपया की फ्यूल चार्ज के लगाए गए थे और वर्तमान महीने के बिल में उसी उपभोक्ता का 2326 का बिजली बिल और उसमें फ्यूल चार्ज 1035 रुपये लगाया गया है. जहां 235 रुपए फ्यूल चार्ज था. उसको बढ़ाकर सीधे 1035 रुपए वसूला गया है.


इस उपभोक्ता के सब्सिडी के रूप में 750 रुपए माइनस ज़रूर किए गए थे. लेकिन 750 रुपए की सब्सिडी देकर 1035 रुपये वसूलना ये जादूगरी नहीं तो और क्या है ? इसी तरीक़े से दूसरे उपभोक्ता के फ़्यूल चार्ज 3096 रुपये लगाया गया है.


उसका बिल 10,468 रुपये का आया है. यानी सरकार का सीधा सीधा तरीक़ा यही है कि इस हाथ से सपने दिखाने का काम करो और दूसरे हाथ से समेटने का काम करो.


लेकिन मुख्यमंत्री यह भूल गए कि आप दूसरे हाथ से समेटने की जो कोशिश कर रहे हो या पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हो अतिरिक्त चार्ज के रूप में, फ्यूल चार्ज के रूप में, सरचार्ज के रूप में गृह कर के रूप में, ये जनता सब समझ रही है कि सरकार के दिखाने के दांत कुछ और खाने के दांत कुछ ओर हैं. आने वाले समय में जनता आपके झांसे में आने वाली नहीं है.


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