देश के 5 हाईकोर्ट में नए चीफ जस्टिस की नियुक्ति, जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा बने दिल्ली के CJ
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के 5 हाईकोर्ट में नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की हैं. राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुवाहाटी और तेलंगाना हाईकोर्ट में इन मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति कि गयी हैं.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के 5 हाईकोर्ट में नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की हैं. राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुवाहाटी और तेलंगाना हाईकोर्ट में इन मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति कि गयी हैं. इनके साथ ही तबादले के बाद जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया हैं. केन्द्र सरकार द्वारा कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी दिए जाने के बाद राष्ट्रपति भवन की ओर से ये नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं.
राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार, जस्टिस एस एस शिन्दे राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस विपिन सांघी उत्तराखंड हाईकोर्ट मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस अमजद ए सैयद को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस आर एम छाया को गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश और जस्टिस उज्ज्वल भुयान को तेलंगाना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया हैं.
सीजेआई एन वी रमन्ना की अध्यक्षता में 17 मई को हुई सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की बैठक में इन 5 मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की सिफारिश कि गयी थी. कॉलेजियम ने नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्तियों की सिफारिश के साथ ही जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा का तेलगाना हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के पद पर तबादले की सिफारिश भी केन्द्र को भेजी थी. वर्तमान में जस्टिस शर्मा तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद पर कार्यरत हैं.
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दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे सतीश चन्द्र शर्मा
राष्ट्रपति ने तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा के तबादला आदेश जारी करते हुए उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया हैं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 मई को केन्द्र सरकार को भेजी सिफारिश में जस्टिस शर्मा का तबादला तेलंगाना से दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर किया था. केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति भवन की आरे से नियुक्ति का आदेश जारी किया गया हैं.
मध्यप्रदेश के भोपाल में 30 नवंबर 1961 को जन्मे जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा ने 1981 में लॉ डिग्री हासिल की थी. लॉ करने के बाद 1984 में जस्टिस शर्मा ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से वकालात शुरू की. 2003 में उन्हें हाईकोर्ट की ओर से सबसे युवा सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया. 18 जनवरी 2008 में उन्हें मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्ति के दो साल बाद 2010 में उन्हें स्थायी जज नियुक्त किया गया. करीब 11 साल बाद 4 जनवरी 2021 को उनका तबादला मध्यप्रदेश से कर्नाटक हाईकोर्ट में किया गया. कुछ समय के लिए वे अगस्त 2021 में कर्नाटक हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर 11 अक्टूबर 2021 को उन्हें तेलंगाना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया था. वरिष्ठता के अनुसार, अब उनके नाम की सिफारिश दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कि गयी हैं.
जस्टिस एस एस शिन्दे होंगे राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज जस्टिस एस एस शिन्दे को राजस्थान हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया हैं.जस्टिस शिन्दे वर्तमान में बॉम्बे हाईकोर्ट में वरिष्ठता क्रम पर तीसरे नंबर पर है. जस्टिस अकील कुरैशी की सेवानिवृति के बाद से ही राजस्थान में जस्टिस एम एम श्रीवास्तव कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं. जस्टिस शिन्दे का कार्यकाल मात्र कुछ दिनों का ही रहेगा, वे आगामी 1 अगस्त 2022 को ही सेवानिवृत हों रहे हैं.
जस्टिस विपिन सांघी होंगे उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस
दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपिन सांघी को राष्ट्रपति ने उत्तराखण्ड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया हैं. जस्टिस सांघी सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी के कार्यालय में प्रेक्टिस कर चुके हैं. 27 अक्टूबर 1961 को नागपुर में जन्मे जस्टिस सांघी का परिवार 1965 में दिल्ली शिफ्ट हो गया. दिल्ली के मथुरा रोड स्थित डीपीएस स्कूल से 1980 में स्कूलिंग की है. उन्होंने वर्ष 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से गणीत में बीएससी करने के बाद डीयू के लॉ फैकल्टी से ही लॉ की डीग्री हासिल की. 1986 में डीग्री हासिल करने के साथ ही जस्टिस सांघी ने दिल्ली बार काउंसिल में अपना रजिस्ट्रेशन कराया.
केन्द्र सरकार के पैनल एडवोकेट के तौर कार्य कर चुके सांघी को दिल्ली हाईकोर्ट में 2005 में सीनियर एडवोकेट डेजीगनेट किया गया था. मई 2006 में उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया. 11 फरवरी 2008 को उन्हें स्थायी जज नियुक्त किया गया. अपनी नियुक्ति से लेकर अब तक जस्टिस सांघी दिल्ली हाईकोर्ट में ही सेवाए दे रहे हैं.
हाल ही में चीफ जस्टिस डी एन पटेल के सेवानिवृत होने के बाद जस्टिस सांघी को दिल्ली हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया. जस्टिस सांघी अपने परिवार में तीसरी पीढी के अधिवक्ता हैं उनके दादा जस्टिस वी के सांघी और जस्टिस जी एल सांघी भी सीनियर एडवोकेट रहे हैं.
जस्टिस आर एम छाया गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर जस्टिस आर एम छाया की नियुक्ति की हैं. जस्टिस छाया फिलहाल गुजरात हाईकोर्ट में जज है. गुजरात विश्वविद्यालय से 1984 में एलएलबी करने वाले जस्टिस छाया को 17 फरवरी 2011 को गुजरात हाईकोर्ट में एडिशनल जज नियुक्त किया गया था. जिन्हे 28 जनवरी 2013 को स्थायी जज बनाया गया.
12 जनवरी 1961 को जूनागढ के वेरावल में जन्मे जस्टिस छाया ने वड़ोदरा के एम एस विश्वविद्यालय से 1981 में बी कॉम पूर्ण किया. 1984 में उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय के सर एल ए शाह कॉलेज से एलएलबी की डीग्री हासिल की. इसी साल उन्होंने गुजरात बॉर काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन कराया. वकालात के शुरुआती दिनों में जस्टिस छाया ने ख्यातिप्राप्त अधिवक्ता वाई जे त्रिवेदी का आफिस ज्वाइन किया.
1991 में उन्हें गुजरात सरकार की ओर से हाईकोर्ट के लिए एपीपी नियुक्त किया गया. 1995 में उन्होंने सीनियर एडवोकेट एन डी नानावटी को ज्वाइन किया, जिनके साथ तीन साल तक बने रहें. गुजरात के कई निगम के वे काउंसलर रहने के बाद 2004 में उन्हें एडिशनल सेंटर गर्वमेंट काउंसिल नियुक्त किया गया. वहीं, 2008 में उन्हें गुजरात हाईकोर्ट में केन्द्र सरकार की पैरवी के लिए सीनियर काउंसिल नियुक्त किया गया.
जस्टिस उज्जल भुयान तेलंगाना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश
गुवाहाटी हाईकोर्ट के जज जस्टिस उज्जल भुयान को तेलंगाना हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया हैंं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस उज्जल को जस्टिस सतीशचन्द्र शर्मा की जगह पर नियुक्ति के लिए सिफारिश की थी, जिसे केन्द्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति की ओर से नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं. जस्टिस भुयान को 2011 में गुवाहाटी हाईकोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया था. 2019 में जस्टिस भुयान का तबादला गुवाहाटी से बॉम्बे हाईकोर्ट में किया गया था. करीब दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में तबादला कर तेलंगाना हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया था. जस्टिस भुयान तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन भी हैं.
जस्टिस भुयान के पिता भी रह चुके हैं महाधिवक्ता
2 अगस्त, 1964 को गुवाहाटी में जन्मे जस्टिस भुयान के पिता सुचेंद्र नाथ भुइयां भी एक वरिष्ठ अधिवक्ता और असम के पूर्व महाधिवक्ता रहे हैं. जस्टिस भुयांन की स्कूली शिक्षा डॉन बॉस्को हाई स्कूल गुवाहाटी से हुई हैं. वही दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से कला में स्नातक करने के बाद गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, गुवाहाटी से एलएलबी और गुवाहाटी विश्वविद्यालय से एलएलएम की डिग्री हासिल की.
जस्टिस भुयान ने 20 मार्च 1991 को असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही गुवाहाटी हाईकोर्ट मुख्यपीठ में प्रैक्टिस शुरू की. जस्टिस भुयान को 1995 में आयकर विभाग के लिए कनिष्ठ वकील नियुक्त किया गया. इस पद पर वह लगातार 16 वर्ष तक स्थायी अधिवक्ता रहे. दिसंबर 2008 में आयकर विभाग ने उन्हें वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया. अप्रैल,2002 से अक्टूबर, 2006 तक जस्टिस भुयान मेघालय सरकार के अतिरिक्त सरकारी अधिवक्ता भी रहे. जस्टिस भुयान ने गुवाहाटी हाईकोर्ट और अरूणाचल प्रदेश सरकार के लिए भी विशेष अधिवक्ता के रूप में पैरवी की.
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सिंतबर 2010 में जस्टिस भुयान को सीनियर एडवोकेट मनोनित किया. असम सरकार ने भी जुलाई 2011 में उन्हें सरकारी मामलों की पैरवी के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता नियुक्त किया. इसके कुछ समय बाद ही 17 अक्टूबर 2011 को उन्हें गुवाहाटी हाईकोर्ट के एडिशनल जज के रूप में नियुक्त किया गया, जिन्हें 20 मार्च 2013 को स्थायी बनाया गया.
3 अक्टूबर 2019 को उनका तबादला गुवाहाटी हाईकोर्ट से बॉम्बे हाईकोर्ट में किया गया. मुंबई में दो साल के कार्यकाल के बाद 22 अक्टूबर 2021 को उनका तबादला तेलंगाना हाईकोर्ट में किया गया. जस्टिस भुयान वर्तमान में तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं.
जस्टिस ए ए सैयद बने हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बॉम्बे हाईकोर्ट के सीनियर मोस्ट जज और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटीव चेयरमैन जस्टिस ए ए सैयद को हिमाचल प्रदेश का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया हैं. जस्टिस सैयद को भविष्य के सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर देखा जा रहा हैं. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 मई को जस्टिस सैयद को मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी. वे जस्टिस मोहम्मद रफीक की जगह लेंगे, जो हाल ही में 24 मई को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद से सेवानिवृत हुए हैं.
21 जनवरी 1961 को जन्मे जस्टिस सैयद ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से 1984 में लॉ की डिग्री करने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की शुरुआत की. खेलों में रुचि रखने वाले जस्टिस सैयद बहुत शालिन और शांत जज माने जाते हैं. मुंबई में आज जनता से जुड़े जनहित के मामलों को उठाने के लिए अक्सर उनके फैसले चर्चा में रहे हैं. जस्टिस सैयद ने मुंबई राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन के तौर पर कई कार्यक्रम आयोजित करवाए हैं.
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