Asaram : श्वेत वस्त्रों में लिपटा चेहरा और भक्ति से लबरेज शब्द, यही वह छवि थी जिसने आसाराम को लाखों भक्तों के लिए भगवान सरीखा बना दिया. उसके प्रवचन भक्तों के लिए धर्म का मार्गदर्शन थे, और उसके हर शब्द को पत्थर की लकीर समझा जाता था. लेकिन इस चमकते मुखौटे के पीछे छिपा था एक स्याह चेहरा, जो मासूम लड़कियों पर अपनी गिद्ध दृष्टि जमाए रखता था.


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आसाराम के लड़कियों को इशारे



लड़कियों पर विशेष ध्यान देना, अलग-अलग प्रकार का प्रसाद देना, हाथों से सांकेतिक इशारे करना, और सम्मोहन के लिए विशेष उपायों का सहारा लेना—इन सबका उद्देश्य उसकी घिनौनी मानसिकता को अंजाम तक पहुंचाना था. उसके ये कृत्य उसकी कथित धार्मिक छवि से बिल्कुल उलट थे. आस्था का ताना-बाना टूटने के बाद उसे दोबारा जोड़ना आसान नहीं होता, और आसाराम की करतूतें उसे इसी भंवर में ले डूबीं.


क्या था गद्दी के पीछे का सच



व्यास गद्दी के पीछे का सच और भी भयावह था. आसाराम पर आरोप है कि वह अपने साधकों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपते थे. युवा साधकों को धार्मिक कार्य सौंपे जाते, जबकि पुराने और वफादार साधकों को भोली-भाली लड़कियों को फंसाने का काम दिया जाता. जिस नाबालिग लड़की के आरोपों ने आसाराम को सलाखों के पीछे पहुंचाया, उसके पिता का दावा है, कि आसाराम अपने अनुयायियों को केले की जड़ का रस पीने को कहता था, ताकि उनकी यौन शक्ति प्रभावित हो.


भक्ति के रंग में रंगे आसाराम की जुबान कुछ और कहती थी, लेकिन उस दिल और दिमाग किसी और ही दुनिया में खोए थे. आज, जब उसका असली चेहरा सामने आया है, तो उसके सताए लोगों का दर्द इस स्वयंभू भगवान की असलियत को उजागर कर रहा है.


धर्म के नाम पर अधर्म का अड्डा



लाखों लोगों ने खुद पर जितना भरोसा नहीं किया, उससे कहीं ज्यादा भरोसा आसाराम पर किया. लेकिन उसके बेहद करीब रहे एक पूर्व साधक का दावा है कि आसाराम की धार्मिक कुटिया के पीछे पाखंड और अनैतिक कृत्यों का अड्डा था. यही उसका तीसरा रूप है. एक ऐसा रूप जहां धर्म की आड़ में अधर्म का साम्राज्य पनपता रहा.


नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण



नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में आसाराम अब जेल में है, लेकिन उसके पुराने साधक बताते हैं कि यह घिनौना खेल वे करीब दो दशकों से खेलता आ रहा था. उसका बचाव सिर्फ धन और बाहुबल के सहारे होता रहा. दूर से देखने पर आसाराम सफेद लिबास में रूहानी शक्ति से भरा नजर आता था, लेकिन जो लोग उसके करीब गए, उन्होंने उसके और उसके बेटे नारायण साईं के असली चेहरे देखे.


नारायण साईं पर भी गंभीर आरोप 



नारायण साईं पर भी गंभीर आरोप हैं. पूर्व साधकों का कहना है कि उसकी कुटिया में वह हर काम होता था, जिसके लिए धर्म के आंगन में कोई जगह नहीं होती. आसाराम और उसके बेटे ने आस्था के नाम पर लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया और अपने पापों को धार्मिक आड़ में छुपाने की कोशिश की.