Big News On Rajasthan Politics :अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने मिलाए हाथ, क्या दिल भी मिले समझे सियासी गणित
Big News On Rajasthan Politics : कभी कभी तस्वीर में जो दिख रहा होता है वो सच नहीं होता. कैमरा ऑन होते ही एक अभिनेता की तरह ही राजनेता भी भावनाएं छिपाने में माहिर होते हैं. सोशल मीडिया पर अशोक गहलोत(Ashok Gehlot ) और सचिन पायलट(Sachin Pilot) की साथ दिखी तस्वीर कई सवाल खड़े कर रही है. क्या चेहरे पर मुस्कुराहट के पीछे कोई मजबूरी है ?
Big News On Rajasthan Politics : राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जल्द राजस्थान में प्रवेश करने वाली है. यात्रा में कोई कोर कसर नहीं रह जाए. इसके लिए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता पूरी तैयारी में जुटे हैं. इस बीच केसी वेणुगोपाल, अशोक गहलोत, सचिन पायलट और गोविन्द सिंह डोटासरा एक साथ दिखे.
मीडिया के सामने आते ही सभी ने हाथ पकड़कर फोटो भी क्लिक कराई. लेकिन सवाल वहीं रह गए कि क्या राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक हो चुका है. क्या भारत जोड़ों यात्रा के दौरान राहुल गांधी का अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को पार्टी का एसेट करार देना भर काफी है.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से शुरू हुई अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की ये जंग किसी से छुपी नहीं है. चाहे आप खुलेआम निजी चैनल को दिए गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इंटरव्यू तो सुन लें या फिर सचिन पायलट और उनके सहयोगियों के तरफ से दिये गये बयानों को आधार बना लें.
माना जा रहा था कि राहुल गांधी की भारत छोड़ों यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले मामला सुलझा लिया जाएगा. लेकिन क्या सच में मामला सुलझ चुका है, ये कहना बेमानी होगी. क्योंकि जिन मुद्दों पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तलवारें खिंची थी वो जस के तस हैं.
आज भी कांग्रेस के बीच आगामी विधानसभा चुनाव 2023 में चेहरे की लड़ाई है. आज भी दोनों ही गुटों की तरफ से एक दूसरे को लेकर बयानबाजी जारी है. हालांकि कि ये संभव है कि जब तक राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में चलेगी तब तक ये बयानबाजी थम जाए. हो सकता है केसी वेणुगोपाल ने बंद कमरे में कुछ घंटे चली मीटिंग में दोनों को ये बात समझाई भी हो.
आपको बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 4 दिसंबर से लेकर 21 दिसंबर तक प्रदेश में रहेगी. करीब 17 दिनों की यात्रा राजस्थान के सात जिलों से होकर गुजरेगी.
Zombie Virus : जमी बर्फ में सालों से दफन थे ये 13 जानलेवा वायरस, यह है कोविड से बड़े खतरे की घंटी