Jaipur: अगर लग्न में है ये सब तो आप भी बन सकते हैं डॉक्टर


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-मंगल, चन्द्र, सूर्य शुभ स्थिति में होकर केन्द्र या त्रिकोण में हो तो चिकित्सा से जुड़ता है
-पंचम, दशम, दशमेश से अच्छा सम्बन्ध हो तो सफलता में चार-चॉद लग जाते है
-नवमेश, दशम, दशमेश के साथ अच्छा सम्बन्ध हो तो डाक्टर बनकर विदेश जाता है
-लग्न में मगंल स्वराशि, उच्च राशि का हो, सूर्य अच्छी स्थिति में हो तो अर्थो सर्जन बनता है
-कुण्डली में गुरू,चन्द्र की स्थिति मजबूज हो मंगल पीडित हो तो सफल फिजीशियन बनता है
-कुण्डली में मंगल की स्थिति मजबूत हो तो जातक एक सफल हार्ट सर्जन बनता है
-मजबूत चन्द्रमा हो, गुरू बलवान हो केतु के साथ है तो व्यक्ति होमोपैथिक डाक्टर बनता है
-सूर्य, चन्द्रमा जड़ी-बूटियों का कारक है और गुरू अच्छा सलाहकार होता है
-तीनों का सम्बन्ध छठें, दशम, दशमेश होने से व्यक्ति आयुर्वेदिक चिकित्सक बनता है


आज कल के युग में युवाओं के लिए ज्योतिष मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकता है, उनको सही राह भी दिखा सकता है. ज्योतिष में रोजगार के अलग-अलग क्षेत्रों के चयन के संबंध में अनेक सूत्र मिलते हैं. जिनके आधार पर किसी भी जातक के संबंध में यह निर्णय करना आसान हो जाता है कि उसका कार्यक्षेत्र क्या रहेगा. माता-पिता अपनी संतान को क्या बनाना चाहते हैं, इसमे ज्योतिषीय मार्गदर्शन लाभदायक सिद्ध हो सकता है. -लग्न में मंगल स्वराशि या उच्च राशि में हो तो सर्जन चिकित्सक बनने के गुण होते है.