Jaipur news: राजस्थान हाईकोर्ट ने सामान्य वर्ग से अधिक अंक लाने वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल नहीं करने पर वेटनरी ऑफिसर भर्ती-2019 के साक्षात्कार के परिणाम पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और आरपीएससी सचिव अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. अदालत ने संबंधित अधिकारियों को बीस फरवरी, 2024 तक जवाब देने को कहा है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. कृष्ण राम की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 याचिका में अधिवक्ता विज्ञान शाह ने अदालत को बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने वेटनरी ऑफिसर भर्ती की लिखित परीक्षा को लेकर न तो कट ऑफ जारी की और ना ही उत्तर कुंजी का प्रकाशन किया है. वहीं साक्षात्कार के लिए जारी वरीयता सूची में आरक्षित वर्ग से कम अंक प्राप्त करने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया है. याचिकाकर्ता आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थी हैं, लेकिन उन्हें यह कहते हुए साक्षात्कार के लिए जारी वरीयता सूची में शामिल नहीं किया गया कि साक्षात्कार के लिए हर वर्ग के पदों की संख्या के तीन गुणा अभ्यर्थियों को ही शामिल किया गया है. 


यह भी पढ़े- राजस्थान में कांग्रेस ने लोगों को खून के आंसू रुलाए, 3 दिसंबर को भुगतना पड़ेगा खामियाजा -सीपी जोशी


परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखने के दे रखे आदेश
याचिका में कहा गया कि आरपीएससी की यह कार्रवाई अवैध है. क्योंकि सामान्य वर्ग में हर वर्ग का वरीयता प्राप्त अभ्यर्थी शामिल होने का अधिकार रखता है. इसलिए उन्हें भी साक्षात्कार में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने साक्षात्कार का परिणाम जारी करने पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने पूर्व में भी आरक्षित वर्ग के ऐसे अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल करने के आदेश देते हुए उनका परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखने के आदेश दे रखे हैं.