Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की की बरामदगी को लेकर दिए गए दिशा-निर्देश की पालना नहीं करने और थानाधिकारी के अदालत में बिना केस डायरी पेश होने नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने भरतपुर पुलिस अधीक्षक को आठ अगस्त को पेश होकर पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है. वहीं, अदालत ने उच्चैन थाने के लापरवाह पंजाव सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश संदीप तिवाड़ी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए.


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अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह बड़े आश्चर्य की बात है कि थानाधिकारी स्तर का अधिकारी अदालती आदेश के बावजूद बिना केस डायरी और बिना तथ्यों की जानकारी के हाईकोर्ट में पेश हो रहा है, जबकि पिछली सुनवाई को उसने लापता की बरामदगी के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था. अदालत ने कहा कि पुलिस अधिकारी अदालती आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं और अदालत में लापरवाह रवैये के साथ पेश हो रहे हैं.


याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता उमाशंकर पांडे ने बताया कि याचिकाकर्ता ने अपनी नाबालिग बहन की गुमशुदगी रिपोर्ट 4 फरवरी 2020 को उच्चैन थाने में दर्ज कराई थी. याचिकाकर्ता ने संकेत यादव पर नाबालिग को बहला-फुसला कर ले जाने का आरोप लगाया था. वहीं, पुलिस दोनों के शादी करना बता रही है, लेकिन नाबालिग को बरामद नहीं किया गया है. 


वहीं, हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने पर अदालत ने गत 25 जुलाई को थानाधिकारी को एक सप्ताह में लापता की बरामदगी करने को कहा था, लेकिन अब तक उसकी बरामदगी नहीं हुई है. वहीं, समयावधि पूरी होने थानाधिकारी अदालत में पेश हुए, लेकिन ना तो उन्होंने लापता की बरामदगी की और ना ही अदालत में केस डायरी पेश की. इस पर अदालत ने एसपी को पेश होने के आदेश देते हुए थानाधिकारी पर कार्रवाई करने को कहा है.


Reporter- Mahesh Pareek


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