Big disclosure of CM Ashok Gehlot/Jaipur: गांधी जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर से राजस्थान के हाल ही में हुए सियासी घटनाक्रम पर खुलकर अपनी बात कही है, अशोक गहलोत ने कहा है कि ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि कोई मुख्यमंत्री किसी दूसरे पद पर जाने की तैयारी कर रहा है, तो स्वाभाविक तौर पर विधायकों का नए मुख्यमंत्री के प्रति झुकाव होता है. उन्हें मंत्री बनना होता है. नई पोस्ट पर जाना होता है. लेकिन राजस्थान में विधायकों ने नए मुख्यमंत्री की बजाय मेरा साथ दिया. यह बहुत बड़ी बात है. राजस्थान के इतिहास में सबसे बड़े क्राइसिस में 102 विधायकों और जनता ने सरकार को बचाने में बड़ा योगदान दिया है, हाल ही में जो घटनाक्रम हुआ है वो ये स्टडी है.  इसका अध्ययन होना चाहिए.


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PCC अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन फिर भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया


 मेरे लिए ये बहुत दुखदायी घटनाक्रम है कि मैं विधायक दल का नेता होने के बावजूद आलाकमान का एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं करवा पाया. लेकिन ऑब्ज़र्वर को भी ये समझना चाहिए कि वे आला कमान के बिहाफ पर आते हैं, उनका पद बहुत बड़ा होता है, उन्हें आलाकमान के व्यक्तित्व के अनुरूप ही व्यवहार करना चाहिए. राजस्थान में विधायकों ने मेरी बात को अनसुना कर दिया. PCC अध्यक्ष ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन फिर भी उन्होंने इस्तीफा दे दिया. आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां हालात क्या है?


भाजपा के मंसूबे क़ामयाब नहीं हो पाए


वे जिन विधायकों ने सरकार को गिराने की कोशिश की उनके साथ में नहीं खड़े हो सकते. 102 विधायकों में हो सकता है कुछ विधायक मेरे ख़िलाफ बयान दे रहे हों, लेकिन इसके बावजूद मैं उनका एहसानमंद हूं कि वे कांग्रेस की सरकार को बचाने मेरे साथ खड़े रहे. होटल के बाहर निकलने के लिए 10 करोड़ का ऑफर था, लेकिन उसके बावजूद वो डटे रहे. उसके बाद तो ऑफर बीस से चालीस करोड़ तक पहुंच गया, लेकिन भाजपा के मंसूबे क़ामयाब नहीं हो पाए.


कांग्रेस के कुछ विधायक अमित शाह से मिले थे, अमित शाह के साथ मिठाई खा रहे थे. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ लगातार बैठकें चल रही थी, अमित शाह ने उनको कहा था कि आप इंतजार कीजिए यह सब होने के बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बची है, तो उसमें केवल 102 विधायकों का ही बड़ा योगदान था. मैंने मेरी भावना पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को बता दी है.


मारा मकसद केवल कांग्रेस की सरकार को रिपीट करवाना है


उनका व्यक्तित्व बहुत बड़ा है, जिस तरीके से उन्होंने अपना जीवन जिया है, वो एक मिसाल है. कोई भी फैसला करने का अधिकार केवल आलाकमान को है. मैंने उन्हें अगस्त में ही कह दिया था राजस्थान में हमारा मकसद केवल कांग्रेस की सरकार को रिपीट करवाना है. भले ही मैं मुख्य मंत्री रहूं या कोई और बने लेकिन कांग्रेस की सरकार फिर से सत्ता में लौटनी चाहिए. कांग्रेस मज़बूत बननी चाहिए.


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