Jaipur News : पेपरलीक मामलें में बड़ी खबर सामने आई है. सरकार ने सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया है. मंत्री शांति धारीवाल ने सदन में जानकारी दी कि हम नहीं चाहते कि मामला सीबीआई को जाए और फिर अगले 8 साल तक यह मामला अटका रहे. राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन पेपर लीक को लेकर विपक्ष ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को घेरा वहीं दूसरे दिन मंत्री शांति धारीवाल ने दिया जवाब. मंत्री शांति धारीवाल कहा कि पेपर लीक के जो प्रकरण हुए हैं. बीजेपी की सरकार में 241 अपराधियों को गिरफ्तार किया. हमारी सरकार के समय 10 पेपर लीक प्रकरण 15 मामले दर्ज हुए 281 लोगों को गिरफ्तार किया.


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मंत्री शांति धारीवाल ने बीजेपी पर लगाया आरोप लगाते हुए कहा, कि आपके समय में गिरफ्तारी तो हुई. लेकिन आपने पेपर लीक रोकने के लिए कोई गंभीर कदम नहीं उठाया. हमारी सरकार ने इसे लेकर कानून बनाया और पेपर लीक का प्रयास करने वाले को भी इस मामले में आरोपी बनाया. हमने कानून में 10 साल की सजा का प्रावधान रखा. हमने संपत्ति जब्ती, कुर्की का भी नियम रखा. लेकिन आपकी ओर से ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया. मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की तरफ से जवाब दिया. अपने जवाब में मदन दिलावर को भी धारीवाल ने आड़े हाथ लिया और कहा कि सदन की गंभीरता का स्तर मदन दिलावर नहीं समझते हैं. उन्होंने कहा कि गंभीर विषय पर कह दिया कि इसमें कांग्रेसी और मुख्यमंत्री भी लिप्त हैं. कई लोग जेल जाएंगे. धारीवाल ने कहा कि विधानसभा में आरोप लगाना बहुत आसान है. बाहर आरोप लगा कर देखो. अगर आपके आरोपों में दम है. तो कोर्ट और दूसरी एजेंसियां बैठी है, उनको सबूत दीजिए. धारीवाल ने मदन दिलावर को नसीहत देते हुए कहा कि विधानसभा में चर्चा की गंभीरता समझनी चाहिए.


शांति धारीवाल ने कहा- आरएलपी के विधायकों ने सीबीआई जांच की मांग उठाई मैं बताना चाहूंगा कि हनुमान बेनीवाल ने संसद में सवाल उठाया था कि राजस्थान में कितने मामलें सीबीआई को सौंपे गए जवाब में कहा गया कि राजस्थान से 12 मामलें सीबीआई को दिए गए जिसमे से 10 मामलें सीबीआई ने दर्ज किए और उनमें से 7 में क्लोजर रिपोर्ट दे दी और बाकि के दो बचे केस में एक को दोष मुक्त कर दिया और दो मामले अभी भी लंबित चल रहे उन्हें चलते हुए सालों हो गए.


धारीवाल ने कहा जा रहा है कि अधिगम कोचिंग सेंटर जिसमें चलता था वह किराए की बिल्डिंग थी वह किराए की थी या बेनामी थी इसकी जांच हो जाने दीजिए जांच चल रही है लेकिन बिल्डिंग अवैध थी, तोड़ने से पहले मकान मालिक को नोटिस जारी किया गया, अनिल अग्रवाल ने जेडीए टर्मिनल में स्टे एप्पलीकेशन लगाई. स्टे खारिज होने के बाद कोर्ट के आदेश से बिल्डिंग तोड़ी गई.


पेपर लीक मामला में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि, सरकार ने कानून बनाकर कोई एहसान नहीं किया समय की जरूरत थी इसलिए कानून बनाया और आगे भी समझने की जरूरत के हिसाब से कानून बनते रहेंगे पक्ष-विपक्ष करके इस मामले की गंभीरता कम मत कीजिए. मेरा आपसे अनुरोध है कि पिछले 10 साल में ,जितने पेपर हुए उसको एक बार एसेसमेंट करा लीजिए. पेपरलीक मामलें में सरकार ने सीबीआई जांच की मांग की खारिज. मंत्री शांति धारीवाल ने दी सदन में जानकारी. कहा- हम नहीं चाहते कि मामला सीबीआई को जाए और फिर अगले 8 साल तक यह मामला अटका रहे. इस के साथ पेपरलीक मामलें में बहस पूरी.


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