Rajasthan: राजस्थान में अन्नदाताओं को मिलेगी बड़ी राहत, 1.50 लाख परिवारों को 3000 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण वितरित होगा
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका योजना के तहत 1.50 लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए 3000 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में पांच वर्ष से निवास कर रहे परिवारों को हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई - छपाई एवं दुकान इत्यादि के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन आदि गतिविधियों हेतु भी प्रति परिवार एक सदस्य को ऋण दिया जायेगा.
Jaipur News: राजस्थान ग्रामीण परिवार आजीविका योजना के तहत 1.50 लाख परिवारों को अकृषि कार्यों के लिए 3000 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. पात्र आवेदक को 25 हजार रूपये से 2 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण केन्द्रीय सहकारी बैंकों द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा.
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्र के वंचित लोगों के लिए यह बजट घोषणा की है. उन्होंने कहा कि गहलोत द्वारा जो घोषणा की गई उसे उसी वित्तीय वर्ष में लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा जनता से जो वादे किये गये है, विभाग उन्हें गति देकर क्रियान्वित की ओर बढ़े.
इस योजना में आरसीडीएफ को भी जोड़ा गया है ताकि डेयरी क्षेत्र में पशुधन एवं दुग्ध उत्पादन के कार्य कर रहे पशुपालकों को फायदा मिलेगा. ग्रामीण क्षेत्र में पांच वर्ष से निवास कर रहे परिवारों को हस्तशिल्प, लघु उद्योग, कताई-बुनाई, रंगाई - छपाई एवं दुकान इत्यादि के साथ-साथ पशुपालन, मछली पालन आदि गतिविधियों हेतु भी प्रति परिवार एक सदस्य को ऋण दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पोर्टल के बन जाने से पारदर्शिता के साथ लोगों को इसका फायदा मिलेगा.
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रेया गुहा ने कहा कि यह योजना अकृषि कार्यों की गतिविधियों में आजीविका पर निर्भर परिवारों के बेहतरी के लिए है. उन्होंने कहा कि इस योजना से राजीविका से जुड़े समूहों को विशेष रूप से फायदा होगा. ऋण की सम्पूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी है. उन्होंने कहा कि ऋण का समय पर चुकारा / नवीनीकरण कराने वाले लाभार्थियों से कोई ब्याज वसूल नहीं किया जायेगा. सहकारी बैंकों द्वारा इस ऋण हेतु कोई प्रोसेसिंग फीस भी वसूल नहीं की जायेगी.
गुहा ने कहा कि पोर्टल पर ई-मित्र, पैक्स, सहकारी बैंकों की शाखाओं आदि स्थानों से ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। एसएसओ आईडी एवं इन्टरनेट उपलब्ध होने पर आवेदक अपने घर अथवा साइबर कैफे से भी आवेदन कर सकता है. लाभार्थी को ऋण हेतु बैंक को मान्य 2 व्यक्तियों ( केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी, सरपंच, प्रधान पंचायत समिति / पंचायत समिति सदस्य, जिला प्रमुख, जिला परिषद सदस्य, जीएसएस अध्यक्ष, केवीएसएस अध्यक्ष / सदस्य) की जमानत उपलब्ध करानी होगी, कोई अन्य सम्पत्ति रहन रखने की आवश्यकता नहीं है.
रजिस्ट्रार सहकारिता मेघराज सिंह रतनू ने कहा कि आवेदन करते समय आवेदक के पास जनाधार कार्ड आवश्यक रूप से होना चाहिए. पांच वर्ष से ग्रामीण क्षेत्र में रहने के प्रमाण स्वरूप किसान क्रेडिट कार्ड की प्रति, भूमि के दस्तावेज आदि अपलोड़ करने होंगे. आवेदक द्वारा आवेदन पर जिला स्तरीय कमेटी आवेदक की पात्रता का परीक्षण करेगी, सही पाये जाने पर आवेदन पत्र संबधित शाखा को ऑनलाइन भेजा जायेगा.
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रतनू ने कहा कि शाखा प्रबन्धक आवेदन पत्र डाउनलोड कर ऋण प्रस्ताव का परीक्षण कर ऋण प्रस्ताव को स्वीकृत करेंगे एवं आवेदक को बुलवाकर दस्तावेजों का निष्पादन एवं अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति करते हुए शाखा में खोले गये ऋण खाते में स्वीकृत ऋण राशि नियमानुसार जारी करेंगे. आवेदन पत्र प्राप्त होने, ऋण स्वीकृति व ऋण राशि जारी होने की सूचना आवेदक को एसएमएस के माध्यम से उपलब्ध करवाई जायेगी. राज्य सरकार इस प्रकार के ऋणों के लिए 150 करोड़ रूपये का ब्याज अनुदान भी देगी. इस मौके पर अपेक्स बैंक की ऋण योजनाओं पर पुस्तिका का विमोचन किया गया.