जयपुर: राज्य स्तरीय बीस सूत्री कार्यक्रम आयोजन, क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के उपाध्यक्ष डॉ. चन्द्रभान ने केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को पत्र लिखकर बीस सूत्री कार्यक्रम के इस वित्तीय वर्ष (2022-23) के लिए निर्धारित लक्ष्यों को जल्द से जल्द भिजवाने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र में यह भी आग्रह किया है कि राज्यों में बीसूका की क्रियान्विति की राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग भी जारी की जाए, ताकि इससे संबंधित कार्यक्रमों तथा योजनाओं की लागू करने में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा हो तथा प्रगति का आकलन किया जा सके.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

डॉ. चन्द्रभान ने कहा कि बीस सूत्री कार्यक्रम के लक्ष्य समय पर प्राप्त नहीं होने के कारण उनसे संबंधित विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों के अन्तर्गत प्रगति के समयबद्ध क्रियान्वयन तथा प्रभावी मॉनिटरिंग में कठिनाई आ रही है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में दो माह पूर्व भी उनके द्वारा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को पत्र लिखा गया था. बीसूका उपाध्यक्ष ने कहा कि यह अफसोस का विषय है कि गरीबों के कल्याण एवं उनके भविष्य से जुड़े हुए 20 सूत्री कार्यक्रम के लक्ष्य अभी तक भी राज्य को प्राप्त नहीं हुए हैं, जबकि प्रथम त्रैमासिकी 30 जून 2022 को समाप्त होने जा रही है. उन्होंने बताया कि समय पर लक्ष्य प्राप्त नहीं होने के बावजूद भी गत वित्त वर्ष 2021-22 में राज्य में बीस सूत्री कार्यक्रमों की प्रगति काफी अच्छी रही है.


बीसूका उपाध्यक्ष ने बताया कि बीस सूत्री कार्यक्रमों की जिला स्तर पर मॉनिटरिंग एवं क्रियान्वयन के लिए उनके द्वारा पिछले 2 माह में 20 अप्रेल से 20 जून तक 11 जिलों का दौरा कर समीक्षा बैठकें ली गईं और कार्यक्रमों की क्रियान्विति की गहन मॉनिटरिंग की गई. उन्होंने बताया कि इन बैठकों में भी यह सर्वमान्य राय सामने आई कि महत्त्वपूर्ण योजनाओं के लक्ष्य समय पर नहीं मिलने से उनको निर्धारित समयावधि में पूरा करने में व्यवहारिक कठिनाइयां आती हैं.
 


बीसूका के सभी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करे केन्द्र
 डॉ. चन्द्रभान ने कहा कि बीस सूत्री कार्यक्रम के लागू होने के बाद से समाज के कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार आया है, लेकिन अब भी गरीबी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है और समाज में आर्थिक तथा सामाजिक विषमता मौजूद है. उन्होंने बताया कि 47 वर्ष पूर्व इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम को शुरू किया गया था. इस कार्यक्रम में 20 योजनाएं एवं कार्यक्रम थे, लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा वर्तमान में राज्य स्तर पर केवल 11 सूत्रों का ही क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग करवाई जा रही है.  


 डॉ. चन्द्रभान ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि पूर्व की ही भांति राज्य स्तर पर फिर से बीसूका का क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जाए, जिससे देश से गरीबी उन्मूलन हो सके, समाज के वंचित व कमजोर वर्गों के जीवन स्तर में सुधार हो तथा शहरी और ग्रामीण कच्ची बस्तियों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा हों.


बीसूका के क्रियान्वयन की रैंकिंग जारी करे केन्द्र सरकार


 उन्होंने बताया कि पूर्व में केन्द्र सरकार द्वारा बीसूका की प्रगति को लेकर राज्यों की रैंकिंग जारी की जाती थी, जिससे राज्यों में इन कार्यक्रमों को लागू करने के लिए एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बनता था. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्ष 2027-18 से केन्द्र सरकार द्वारा बीस सूत्री कार्यक्रम की रैंकिंग देना बंद कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य बीस सूत्री कार्यक्रम की क्रियान्विति में हमेशा से ही देश भर में अग्रणी रहा है. गत् 4-5 वर्षों से भी राज्य में बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत अच्छा काम हो रहा है, लेकिन रैंकिंग के अभावमें इसके आकलन में कठिनाई आती है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पुनः रैंकिंग देना शुरू किया जाना चाहिये, जिससे राजस्थान सहित अन्य राज्य भी कार्यक्रम के तहत् निर्धारित लक्ष्यों की शत्-प्रतिशत् क्रियान्विति सुनिश्चित कर सकें.