Jaipur: आज राजस्थान विधानसभा में जयपुर से लापता दो नाबालिग बच्चियों का मामला गूंजा. बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी ने विधानसभा में ये मुद्दा उठाया. विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि पुलिस आजम खान की भैंस और राठौड़ साब का चार्ली ढूंढ सकती है, लेकिन हमारी लापता बच्चियों को 49 दिन में पुलिस नहीं ढूंढ सकी. 


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विधायक अशोक लाहोटी ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए मामला उठाया है. एडवोकेट अवधेश की नाबालिग बच्चियां 49 दिन से लापता हैं. जयपुर की अलग-अलग बार एसोसिएशन इस मामले में सड़कों पर आई, तब जाकर सरकार का ध्यान इस पर गया है. डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को सड़क पर उतरना पड़ा तब गहलोत सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है.


अशोक लाहोटी ने आगे कहा कि पूरे राजस्थान के लिए यह शर्म करने की बात है. हमारे परिवार के बच्चे स्कूल से आने में थोड़ी देर कर दें, तो हम चिंतित हो जाते हैं. एक परिवार की बच्चियां 49 दिन से गायब हैं, उस परिवार के दिल पर क्या गुजरती होगी? लाहोटी ने आगे कहा कि क्या पुलिस सिर्फ कर रसूख पर ही काम करेगी? जयपुर शहर में ऐसे हालात हैं, तो दूर दराज के गांवों में क्या होता होगा? लाहोटी आगे बोले कि राठौड़ साहब  जब मंत्री थे तो उनका चार्ली खोने पर पुलिस उसे ढूंढ लाई. आजम खान की भैंस खो गई तो उसे पुलिस ढूंढ लाई, लेकिन क्या हमारी बहन बेटियां नहीं ढूंढ सकती पुलिस?


हम आपको बता दें कि एडवोकेट अवधेश पुरोहित की लापता बेटियों का अभी तक पुलिस कोई सुराग नहीं लगा पाई. दोनों किशोरियों को लापता हुए डेढ़ महीना हो चुका है. वहीं, इस मामले में पुलिस के खिलाफ वकीलों ने धरना भी दिया. वहीं, मामले को पुलिस कमिश्नर के एक बयान ने और बिगाड़ दिया है. जयपुर पुलिस कमिश्नर ने वकीलों को कहा था कि वे धरना खत्म करेंगे तो पुलिस टीम छात्राओं को ढूंढ़ने जाएगी. जिसके बाद वकीलों में और रोष भर गया. हालांकि पुलिस से बात करने के लिए वकीलों की एक सात सदस्यीय टीम गठित की गई है.